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Ram Lalla Surya Tilak: अयोध्या में राम लला का हुआ सूर्य तिलक, दिखा अद्भुत नजारा, भक्ति में डूबे लोग

Ram Lalla Surya Tilak: अयोध्या में राम मंदिर बनने और प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली बार धूमधाम से रामनवमी का त्योहार मनाया गया। दोपहर 12.16 बजे रामलला का सूर्य तिलक किया गया है। यह सभी के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र बन गया है। हर कोई इस अद्भुत नजारे को देखकर हैरान रह गया

अपडेटेड Apr 17, 2024 पर 1:03 PM
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Ram Lalla Surya Tilak: रामलला के माथे पर करीब 4 मिनट तक सूर्य की रोशनी पड़ी।

Ram Lalla Surya Tilak: इसी साल की शुरुआत में जनवरी में राम मंदिर की स्थापना हुई थी। इस मंदिर में कई खास बातें हैं जो हर किसी को मंदिर की ओर आकर्षित करती हैं। इसके साथ ही भगवान राम के दर्शन भी विशेष महत्व रखते हैं। इस बार की रामनवमी बेहद खास है। दोपहर 12 बजे राम मंदिर में राम जन्मोत्सव मनाया गया है। इसके बाद 12.6 बजे सूर्य तिलक किया गया। सूर्य की पहली किरण से मंदिर का अभिषेक होना बहुत शुभ माना जाता है । सनातन धर्म में सूर्य को ऊर्जा का स्रोत और ग्रहों का राजा माना जाता है।

अयोध्या में राम लला का सूर्य तिलक हो गया है। करीब 4 मिनट तक रामलला की मूर्ति के मस्तक पर सूर्य की किरणें नजर आईं। राम नवमी के मौके पर श्रीराम की भव्य तस्वीर देख भक्तगण  अपनी भक्ति में डूब गए। भक्तों के आंखों में खुशी के आंसू छलक उठे।

सूर्य तिलक का महत्व 


ऐसे में जब देवता अपनी पहली किरण से भगवान का अभिषेक करते हैं । तो उसे आराधना में और देवत्व का भाव जाग जाता है । इस परिकल्पना को सूर्य किरण अभिषेक कहा जाता है। श्री राम जन्म से सूर्यवंशी थे और उनके कुल देवता सूर्यदेव हैं। मान्यता है चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को दोपहर 12:00 बजे श्रीराम का जन्म हुआ था। उस समय सूर्य अपने पूर्ण प्रभाव में थे।  सनातन धर्म के अनुसार उगते हुए सूर्यदेव को अर्घ्य देने, दर्शन और पूजा करने से बल, तेज और आरोग्य मिलता है। इसके साथ ही कुंडली में सूर्य की स्थिति भी मजबूत होती है। विशेष दिनों में  सूर्यदेव की पूजा  दोपहर के समय में ही होती है। इसकी वजह ये है कि उस समय सूर्यदेव अपने पूरे प्रभाव में होते हैं।

रामलला का अद्भुत श्रृंगार किया गया

रामलला को पीले रंग के कपड़े पहनाए गए। इसके अलावा सोने चांदी के सुंदर आभूषण पहनाएं गए हैं। रामनवमी के मौके पर श्रीराम को विशेष मुकुट, कुंडल, बाजू बंद, कमरबंद, गले का हाल पैजनिया पहनाई गई है। रामलला का ये भव्य रूप देखते ही बन रहा है।

ऐसे किया सूर्य ने राम का 'तिलक'

अयोध्या में राम मंदिर के तीसरी मंजिल से लेकर रामलला की मूर्ति तक अष्टधातु के कई पाइप लगाए गए थे। गर्म किरणें रामलला के मस्तक पर न पड़ें, इसके लिए फिल्टर का इस्तेमाल किया गया था। आप्टो मैकेनिकल सिस्टम से सूर्य की किरणें रामलला की मूर्ति तक पहुंचाई गईं थी। रामलला के माथे पर काफी देर तक सूर्य की रोशनी चमकती रहीं।

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