Ram Mandir Ayodhya Cyber Fraud: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नजदीक आ चुकी है। श्रीराम मंदिर में 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। इसे लेकर भारत सहित दुनियाभर के राम भक्तों में भारी उत्साह है। इस बीच, राम मंदिर के नाम पर श्रद्धालुओं को लूटने का एक चौंकाने वाला साइबर फ्रॉड का एक रैकेट सामने आया है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने चेतावनी दी है कि कैसे साइबर अपराधी सोशल मीडिया पर मैसेज भेजकर मंदिर के नाम पर दान मांग रहे हैं। इन मैसेज के साथ एक फर्जी QR कोड भी आपको भेजा जाएगा। इस पर जैसे ही आप स्कैन करके भगवान राम के नाम पर भुगतान करेंगे वह पैसा ठगों के पास चला जाएगा।
साइबर ठगों ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र अयोध्या, उत्तर प्रदेश' का फर्जी पेज बनाया है और उस पेज पर एक QR कोड भी डाला गया है। साथ ही लोगों से अपील की जा रही है कि इस QR कोड को स्कैन कर राम मंदिर के लिए अधिक से अधिक चंदा दें। इस फ्रॉड का मामला सामने आने पर VHP ने एक्शन लेने की मांग की है। विश्व हिंदू परिषद ने इस मामले में शिकायत भी दर्ज कराई है।
विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए लिखा, "सावधान..!! श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के नाम से फर्जी आईडी बना कर कुछ लोग पैसा ठगी का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस को ऐसे लोगों के विरूद्ध विलम्ब कार्यवाही करनी चहिए। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस अवसर के लिए धन एकत्र करने के लिए किसी भी निकाय को अधिकृत नहीं किया है।"
VHP प्रवक्ता ने कहा कि मैंने केंद्रीय गृह मंत्रालय, उत्तर प्रदेश के पुलिस DGP और दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि लोग इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार न हों। उन्होंने कहा कि लोगों को ऐसे ठगों से सावधान रहने की जरूरत है। बंसल ने कहा, "यह खुशी का मौका है, हम निमंत्रण भेज रहे हैं। हम इसके लिए कोई दान स्वीकार नहीं करेंगे।"
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
मामले का खुलासा तब हुआ जब सोशल मीडिया पर कई लोगों को मैसेज और फोन कॉल के जरिए राम मंदिर को दान देने के लिए कहा गया। जिन व्यक्तियों को कॉल आया उनमें से एक ने VHP कार्यकर्ताओं के साथ नंबर साझा किया। इसके बाद एक VHP कार्यकर्ता ने उस नंबर पर कॉल किया तब जाकर जालसाजों की रणनीति का खुलासा हुआ। VHP ने रिकॉर्डेड फोन कॉल का एक ऑडियो क्लिप भी शेयर किया है।
कॉल में वीएचपी कार्यकर्ता खुद को ऐसे व्यक्ति के रूप में पेश करता है जो मंदिर को दान देना चाहता है। जब कॉल करने वाला व्यक्ति कहता है कि वह 11,000 रुपये दान करना चाहता है और गांव के अन्य लोग भी दान देने के इच्छुक हैं, तो दूसरी ओर से कथित जालसाज एक WhatsApp नंबर मांगता है जहां वह QR कोड भेज सके।
कॉल करने वाले को विश्वास दिलाने के लिए कथित जालसाज ने कहा कि दानदाताओं के नाम और संपर्क डिटेल्स नोट किए जा रहे हैं और निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन्हें राम मंदिर में दर्शन के लिए आमंत्रित किया जाएगा। जब कॉल करने वाले ने उसका नाम पूछा, तो कथित जालसाज ने कहा कि वह अयोध्या का रहने वाला है और वहां कई समूह हैं जो मंदिर के लिए धन इकट्ठा कर रहे हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।