Ram Mandir Pran Pratishtha: श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास (Acharya Satyendra Das) ने सोमवार को कहा कि 22 जनवरी को अयोध्या के मंदिर के भव्य अभिषेक के लिए निमंत्रण केवल उन लोगों को दिया गया है जो "भगवान राम के भक्त" हैं। उनकी टिप्पणी हाल ही में शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के उस बयान की प्रतिक्रिया में थी जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए निमंत्रण नहीं मिला है। इस साल 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होगा। प्राण प्रतिष्ठा से पहले 16 जनवरी से 7 दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत होगी। इस उद्घाटन समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे।
न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक इंटरव्यू में आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, "निमंत्रण (रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए) केवल उन लोगों को दिया जाता है जो भगवान राम के भक्त हैं। यह कहना पूरी तरह से गलत है कि BJP भगवान राम के नाम पर लड़ रही है। हमारे प्रधानमंत्री का हर जगह सम्मान किया जाता है। उन्होंने बहुत बड़ा काम किया है। यह राजनीति नहीं है। यह उनकी भक्ति है।" हालांकि, इससे पहले ठाकरे ने कहा था कि उन्हें अयोध्या आने के लिए किसी निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है।
उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था कि उन्हें अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले भगवान राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए अभी निमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि राम लला हर किसी से जुड़े हैं, लिहाजा उन्हें किसी औपचारिक निमंत्रण की जरूरत नहीं है और वह जब मन होगा अयोध्या जा सकते हैं। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ न्यास ने समारोह के लिए देशभर की विभिन्न नामचीन हस्तियों और राजनीतिक नेताओं को आमंत्रित किया है।
ठाकरे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि शिवसेना ने राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए लंबा संघर्ष किया था। उन्होंने यह भी कहा कि एक उपचुनाव में राम मंदिर और हिंदुत्व का प्रचार करने के लिए उनके पिता और शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे का मताधिकार छीन लिया गया था। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा, "मुझे अभी निमंत्रण नहीं मिला है और और चूंकि राम लला सभी से जुड़े हैं, इसलिए मुझे अयोध्या जाने की जरूरत नहीं। जब मेरा मन होगा, मैं जाऊंगा। शिवसेना ने राम मंदिर आंदोलन में बहुत योगदान दिया था।"