Ram Navami 2024: अयोध्या में रामनवमी के पावन अवसर पर विशाल राममंदिर में श्री रामलाला का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। यह मौका सभी राम भक्तों के लिए किसी अमृत बेला से कम नहीं है। जन्मोत्सव के हर क्षण को यादगार बनाने के लिए राम मंदिर में बड़े पैमाने पर तैयारी की गई है। त्रेतायुग में जन्म लिए भगवान श्रीराम के माथे पर सूर्य तिलक किया जाएगा। इसके लिए 17 अप्रैल दोपहर 12:16 बजे का समय तय किया गया है। इसी समय राम लला का सूर्य अभिषेक किया जाएगा। अयोध्या में भव्य मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली राम नवमी है।
राम मंदिर में जनवरी महीने में रामलला का प्राण प्रतिष्ठा समारोह किया गया था। इसके बाद राम मंदिर में यह अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। इस जन्मोत्सव को भव्य रूप देने के लिए मंदिर में बिजली के झालरों की सजावट की गई। साथ ही मंदिर को फूलों व रंगोली से सजाया गया है। मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान नवरात्रि से ही चल रहे हैं। आज (17 अप्रैल 2024) दोपहर 12 बजे प्रभु रामलला के प्रतीकात्मक जन्म के बाद दोपहर 12:16 बजे पर उनके ललाट पर 4 मिनट तक सूर्य की किरणों से प्रभु श्रीराम का अभिषेक किया जाएगा।
रामनवमी पर हर साल सूर्य की स्थिति बदलती है
CSIR-CBRI रुड़की के वैज्ञानिक डॉ एसके पाणिग्रही (Dr S K Panigrahi) ने बताया कि सूर्य तिलक प्रोजेक्ट के तहत हर साल चैत्र माह में श्री रामनवमी पर दोपहर 12 बजे से भगवान राम के मस्तक पर सूर्य की रोशनी से तिलक किया जाएगा। हर साल इस दिन आकाश पर सूर्य की स्थिति बदलती है। उन्होंने कहा कि विस्तृत गणना से पता चलता है कि श्री रामनवमी की तिथि हर 19 साल में दोहरायी जाती है। उन्होंने बताया कि तिलक का आकार 58 मिमी है। रामलला के मस्तक के केंद्र पर तिलक लगाने की सही अवधि 3 मिनट से 3.50 मिनट है। जिसमें 2 मिनट तक पूरी तरह से रोशनी होती है। बता दें कि पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान श्रीराम सूर्यवंशी थे, इसलिए उन्हें सूर्य तिलक किए जाने की परंपरा है।
राम नवमी पर रामलला को सोने और चांदी की कारीगरी से खादी की विशेष पोशाक पहनाई जाएगी। रामलला मंदिर के पुजारी संतोष कुमार के मुताबिक रामनवमी को प्रभु श्रीराम को 56 व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा। रामनवमी के दिन राम मंदिर को सुबह 3 बजे से ही खोल दिया गया है। नवरात्रि के मौके पर भक्तों के लिए दर्शन का समय बढ़ाकर 19 घंटे कर दिया गया है। इसका समय सुबह मंगला आरती से शुरू हो जाता है और रात 11 बजे तक पट खुले रहते हैं। 4 बार लगने वाले भोग के लिए सिर्फ पांच-पांच मिनट के लिए पर्दा बंद किया जाता है।
सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण यहां देखें
इस बीच, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि सूर्य तिलक के दौरान, भक्तों को राम मंदिर के अंदर जाने की अनुमति दी जाएगी। इसके लिए मंदिर ट्रस्ट की ओर से करीब 100 एलईडी और सरकार की ओर से 50 एलईडी लगाई गई है। इसमें रामनवमी समारोह का प्रसारण किया जाएगा। सभी भक्त यहां देख सकते हैं। वहीं रामलला का सूर्य तिलक का सीधा प्रसारण दूरदर्शन पर किया जाएगा। इसके अलावा भक्त श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के फेसबुक, यूट्यूब और इंस्टाग्राम हैंडल पर देख सकते हैं।