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जब स्टाफ के लिए Ratan Tata गैंगस्टर से भिड़ गए थे, Tata Motors के यूनियन पर नहीं होने दिया कब्जा, ये है मामला

किसी कंपनी या ग्रुप का चेयरमैन बनते ही किसी गैंगस्टर से सामना हो जाए तो क्या होगा? ऐसी विकट परिस्थिति में रतन टाटा ने जो किया, उसने वर्कर्स के बीच उनकी साख बढ़ा दी। रतन टाटा जब टाटा ग्रुप के चेयरमैन बने तो 15 दिन बाद ही एक गैंगस्टर से उनका सामना हुआ जो कंपनी के यूनियन पर कब्जा करना चाहता था। जानिए ऐसी स्थिति में रतन टाटा ने क्या किया

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Aug 21, 2023 पर 2:20 PM
जब स्टाफ के लिए Ratan Tata गैंगस्टर से भिड़ गए थे, Tata Motors के यूनियन पर नहीं होने दिया कब्जा, ये है मामला
रतन टाटा ने गैंगस्टर को रोकने के लिए अपने तरीके को लेकर कहा कि उन्हें इस पर कोई पछतावा नहीं है।

टाटा ग्रुप (Tata Group) में शीर्ष पोजिशन पर रहते हुए अपने शुरुआती दिनों में रतन टाटा (Ratan Tata) ने बहादुरी का ऐसा कारनामा किया था जिसने एंप्लॉयीज के बीच कंपनी की साख बढ़ा दी। मामला ये है कि एक गैंगस्टर टाटा मोटर्स (Tata Motors) का कारोबार में दिक्कतें खड़ी कर रहा था। फिर रतन टाटा ने उसे जिस तरीके से रोकने की कोशिश की थी, उसे लेकर काफी विवाद भी हुआ था लेकिन रतन टाटा ने डटकर इस स्थिति का सामना किया और आखिरी में वह गैंगस्टर पकड़ा गया। इसे लेकर एक वीडियो में रतन टाटा ने अपने फैसले को लेकर कहा था कि उन्हें इस पर कोई पछतावा नहीं है। यह वीडियो कोलंबिया बिजनेस स्कूल ने 2015 में जारी किया था और एक बार फिर अब यह तेजी से वायरल हो रहा है।

चेयरमैन बनने के 15 दिन बाद ही शुरू हो गई दिक्कतें

रतन टाटा जब चेयरमैन बने थे, उसके 15 दिन बाद ही टाटा मोटर्स में यूनियन में भारी धमाका हुआ। रतन ने कहा कि एक बाहरी शख्स था जो गैंगस्टर था, उसने तय किया कि यूनियन के पास ढेर सारा पैसा है और इस पर कब्जा करना है। उसे करीब 200 लोगों का सपोर्ट हासिल था जो फूट डालने, मार-पीट और डराने-धमकाने में आगे थे। वहीं दूसरी तरफ प्लांट में करीब 4000 ऐसे लोग भी थे जिनकी इन सबमें कोई दिलचस्पी नहीं थी। रतन टाटा ने यह स्वीकार किया कि उस समय कंपनी ने अपने वर्कर्स यूनियन को हल्के में लिया था और इसलिए कर्मचारी यह देखकर खुश थे कि हिंसा से उन्हें क्या मिलेगा।

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