'प्यार की कीमत शोक', रतन टाटा के सहयोगी शांतनु नायडू ने अपने 'लाइटहाउस' को कहा अलविदा

दिग्गज कारोबारी औ टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा का बुधवार की देर रात 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रतन टाटा के विश्वसनीय सहयोगी और टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा जनरल मैनेजर शांतनु नायडू ने शोक जताते हुए लिंक्डइन पर गुडबाय पोस्ट लिखा है। इसमें शांतनु ने लिखा है कि प्यार की कीमत शोक है। अपनी लिंक्डइन पोस्ट में शांतनु नायडू ने रतन टाटा के साथ अपने नजदीकी संबंधों को याद किया है

अपडेटेड Oct 10, 2024 पर 11:46 AM
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शांतनु नायडू रतन टाटा के सहयोगी और फिर जनरल मैनेजर के पद पर पहुंच गए।

दिग्गज कारोबारी औ टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस रतन टाटा का बुधवार की देर रात 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। रतन टाटा के विश्वसनीय सहयोगी और टाटा ट्रस्ट के सबसे युवा जनरल मैनेजर शांतनु नायडू ने शोक जताते हुए लिंक्डइन पर गुडबाय पोस्ट लिखा है। इसमें शांतनु ने लिखा है कि प्यार की कीमत शोक है। अपनी लिंक्डइन पोस्ट में शांतनु नायडू ने रतन टाटा के साथ अपने नजदीकी संबंधों को याद किया है। 30 वर्षीय शांतनु ने लिखा है, "इस दोस्ती से जो खालीपन अब मुझमें रह गया है, उसे भरने में मैं अपने जीवन का शेष समय व्यतीत करूंगा। दुख प्यार का मूल्य है। अलविदा, मेरे प्रिय दीपस्तंभ।” शांतनु ने एक फोटो भी साझा किया है जिसमें दोनों एक-साथ हैं।

 


कौन हैं शांतनु नायडू?

शांतनु नायडू पुणे में पले-बढ़े। उन्होंने वर्ष 2014 में सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय से अपनी इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की। इसके बाद उन्होंने 2016 में कॉर्नेल जॉनसन ग्रेजुएट स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से एमबीए किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे में Tata Elxsi में ऑटोमोबाइल डिजाइन इंजीनियर के रूप में कैरियर की शुरुआत की। 29 वर्ष की आयु में शांतनु नायडू ने मई 2022 में रतन टाटा के साथ अपनी यात्रा शुरू की।

पहली बार वह लोगों की नजर में तब आए जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ। इस वीडियो में वह रतन टाटा का जन्मदिन मनाते हुए दिखाई दिए। इसे टाटा के प्रशंसकों के खूब सराहा। रतन टाटा ने शादी नहीं की थी और न ही उनके बच्चे हैं, उन्होंने शांतनु नायडू को अपने करीबी सदस्य के रूप में स्वीकार किया और बेटे की तरह माना।

रतन टाटा और शांतनु नायडू की मुलाकात कैसे हुई?

अब सवाल उठता है कि आखिर रतन टाटा और शांतनु नायडू की मुलाकात कैसे हुई? टाटा एलेक्सी में जब शांतनु नायडू काम कर रहे थे तो उन्होंने तेज स्पीड से चल रही गाड़ियों से टकराकर कुत्तों की होने वाली मौत का मुद्दा उठाया था। इसके समाधान के लिए उन्होंने कुत्तों के लिए कॉलर का विचार पेश किया जिससे सड़कों पर कम रोशनी में भी वे दिखाई देते। इस पर सपोर्ट के लिए उन्होंने टाटा को एक पत्र में अपना बिजनेस प्रपोजल भेजा था। खास बात ये है कि टाटा ने न सिर्फ इसका जवाब दिया बल्कि इस नए आइडिया पर बात करने के लिए शांतनु को मिलने के लिए भी बुलाया। इस मुलाकात से ही दोनों के संबंध शुरू हुए। खास बात है कि टाटा को भी कुत्तों से काफी लगाव था। इसके बाद तो शांतनु नायडू रतन टाटा के सहयोगी और फिर जनरल मैनेजर के पद पर पहुंच गए।

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First Published: Oct 10, 2024 11:42 AM

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