Ratan Tata Death News: प्रसिद्ध उद्योगपति और परोपकारी रतन टाटा के पालतू कुत्ते 'गोवा' ने भी गुरुवार (10 अक्टूबर) को अपने दिवंगत मालिक को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। 'गोवा' उन शोकाकुल लोगों में शामिल था, जिन्होंने गुरुवार को मुंबई के नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स में दिग्गज उद्योगपति को अंतिम विदाई दी। बता दें कि रतन टाटा को कुत्तों से बहुत लगाव था। अभी GOA उनके साथ रहता था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार (9 अक्टूबर) रात को रतन टाटा के देहांत के बाद से ही GOA ने कुछ भी खाया नहीं है। उसे रतन टाटा के अंतिम दर्शन के लिए लाया गया तो वह ऐसे ही चुपचाप उद्योगपति के शव के पास बैठा रहा।
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष का मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में बुधवार को 86 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। गुरुवार को अंतिम दर्शन के दौरान जब किसी ने गोवा (Ratan Tata Pet Dog) को हटाना चाहा तो वह वहां से हटने को राजी नहीं था। गोवा का एक वीडियो सामने आया है, जिसे देखकर रतन टाटा के प्रति उस बेजुबान के प्यार को समझा जा सकता है।
पूरा घटनाक्रम मुंबई का है जब टाटा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था। बता दें कि टाटा का बुधवार रात मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। कहा जाता है कि एक बार रतन टाटा जब गोवा गए थे, तो उस समय यह कुत्ता उनके पीछे आ गया था। तब वह उसको अपने साथ ले कर मुंबई आ गए और इस डॉग का नाम गोवा रख दिया।
आवारा कुत्तों से था बेहद प्यार
'बॉम्बे हाउस' किसी भी अन्य समूह के मुख्यालय से अलग है, क्योंकि यहां आवारा कुत्तों के आने जाने पर कोई पाबंदी नहीं है। 'बॉम्बे हाउस' मुंबई में एक ऐतिहासिक बिल्डिंग है जो कि निजी स्वामित्व वाली टाटा ग्रुप के मुख्य कार्यालय के रूप में कार्य करता है। दशकों से यहां काम करने वाले कर्मचारियों को यह निर्देश जारी किया जाता रहा है कि वे इन बेजुबानों के आने जाने पर रोक नहीं लगाएं और बेरोकटोक आने जाने दें।
यह सब सिर्फ एक व्यक्ति रतन टाटा के कुत्तों के प्रति प्रेम और चिंता का परिणाम है, जो 1991 से 2012 तक टाटा संस के अध्यक्ष पद पर रहे। बाद में कुछ समय के लिए फिर से इस पद को संभाला। कहा जाता है कि एक बार टाटा ने 'बॉम्बे हाउस' के बाहर बारिश में एक आवारा कुत्ते को बारिश से बचने के लिए संघर्ष करते देखा था। इसी के बाद उन्होंने परिसर के अंदर कुत्तों के प्रवेश के संबंध में विशेष निर्देश दिए।
बेजुबान जीव के प्रति उनकी सहानुभूति इतनी गहरी थी कि जब समूह ने कुछ साल पहले 'बॉम्बे हाउस' का नवीनीकरण किया तो 2018 में उसने परिसर के ग्राउंड पर विशेष तौर पर आवारा कुत्तों के लिए समर्पित एक हिस्से का निर्माण कराया।
इंसानों से ज्यादा जानवरों को दी सुविधाएं
एक बड़े कमरे को कुत्तों के निवास स्थान के रूप में बनाया गया है जो कई सुविधाओं से लैस है। यह एक आम इंसान को भी उनसे (कुत्तों से) ईर्ष्या करने पर मजबूर कर देगा। कमरे में खाने पीने के लिए एक अलग स्थान है। उन्हें एक कर्मी द्वारा नहलाया जाता है। कमरे में कुत्तों के सोने के लिए भी जगह है जहां वे आराम की नींद ले सकते हैं। कुछ आवारा पशु बॉम्बे हाउस में स्थायी रूप से रहते हैं। लेकिन अक्सर कुछ विजिटर भी होते हैं जिन्हें आने दिया जाता है और उनके साथ भी वैसा ही व्यवहार किया जाता है।
रतन टाटा का पालतू जानवरों खासकर आवारा जानवरों के प्रति प्यार 'बॉम्बे हाउस' के आस-पास के इलाकों से कहीं आगे तक फैला हुआ है। इस साल की शुरुआत में टाटा समूह के आईएचसीएल द्वारा संचालित ताज होटल में ठहरे एक गेस्ट ने एक कहानी सुनाई थी।
व्यक्ति ने बताया कि एक आवारा कुत्ता इस आलीशान होटल के एंट्री गेट पर शांति से सो रहा था। इस बारे में उसे बताया गया कि इसकी जड़ें रतन टाटा के निर्देशों से जुड़ी हैं। रतन टाटा की अध्यक्षता वाले टाटा ट्रस्ट ने दक्षिण मध्य मुंबई के महालक्ष्मी में एक प्रमुख स्थान पर एक छोटा सा पशु चिकित्सालय भी बनवाया है।