देश में हेल्थ सिस्टम कैसा चल रहा है, इसकी एक बानगी झारखंड के हजारीबाग मेडिकल कॉलेज में सामने आई है। डॉक्टरों की घनघोर लापरवाही को जिसने भी सुना, उसके पैरों तले जमीन धंस गई। अस्पताल में हेल्थ की सारी सुविधाएं मुहैया कराई गईं है। लेकिन सही रख रखाव नहीं होने के कारण मरीजों के लिए ये सुविधाएं यमराज बन रही हैं। दरअसल, शहर के शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में सड़क हादसे में घायल एक शख्स को भर्ती कराया गया था। उसे ऑक्सीजन की कमी थी। ऐसे में डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सिलेंडर लगा दिया। डॉक्टरों ने तीन ऑक्सीजन सिलेंडर लगएय़ ये सभी खाली थे, जिससे मरीज की मौके पर ही मौत हो गई।
हजारीबाग के ग्वालटोली चौक के रहने वाले कालीचरण गोप सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। आनन-फानन में कालीचरण को शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया। यहां ऑक्सीजन के कमी से उनकी मौत हो गई। इस मामले में मृतक कालीचरण गोप के भाई उमेश गोप ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। अस्पताल प्रशासन की एक घनघोर लापरवाही सामने आई है।
डॉक्टरों ने मरीज को लगा दिया खाली ऑक्सीजन सिलेंडर
कालीचरण का 26 सितंबर को एक्सीडेंट हो गया था। वो हुरहुरू रोड पर अनियंत्रित पिकअप की चपेट में आ गए थे। उन्हें शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। कालीचरण को कई गंभीर चोटें आईं थी। उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी। तभी डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया। कालीचरण के भाई ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों ने खाली सिलेंडर लगा दिया। पहला सिलेंडर लगाया वो खाली था। इसके बाद दूसरा सिलेंडर लगाया वो भी खाली था। फिर तीसरा ऑक्सीजन सिलेंडर लगाया गया, वो भी खाली था। इसके बाद कालीचरण की मौत हो गई। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अनुकरण पूर्ति का कहना है कि इस मामले की जानकारी मिली है। जांच पड़ताल जारी है। इसके बाद जो भी दोषी होगा, सख्त कार्रवाई की जाएगी।
वहीं ये बताया जा रहा है कि यहां ऑक्सीनज प्लांट लगे हुए हैं। लेकिन एक साल से दो प्लांट बंद हैं। इधर हजारीबाग के इंद्रपुरी रहने वाले देवेंद्र सिंह देव का कहना है कि शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में ऐसे कई मामले सामने आते रहते हैं। यह अस्पताल बदहाली के दौर से गुजर रहा है। स्टाफ को ये तक पता नहीं कि कौन सा ऑक्सीजन सिलेंडर खाली है और कौन सा भरा है। पता नहीं रोजाना कितने मरीजों को खाली सिलेंडर लगाकर दिलासा देते होंगे।