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Shimla Masjid Row: हिमाचल में 'अवैध' मस्जिद निर्माण पर संग्राम! शिमला में सैकड़ों लोगों ने किया प्रदर्शन, जानें क्यों मचा है बवाल

Shimla Mosque Controversy: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के उपनगर संजौली में एक मस्जिद को लेकर बवाल मचा हुआ है। स्थानीय लोगों ने गुरुवार को मस्जिद को अवैध बताते हुए इसके खिलाफ प्रदर्शन किया। हिंदू संगठन कथित अवैध मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं

अपडेटेड Sep 05, 2024 पर 4:02 PM
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Shimla Mosque Row: शिमला के संजौली में अवैध मस्जिद के खिलाफ लोग कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं

Shimla Masjid Controversy: हिमाचल प्रदेश में शिमला के उपनगर संजौली में गुरुवार (5 सितंबर) को सैकड़ों लोग एक मस्जिद के 'अवैध' निर्माण तथा शहर के मलाणा इलाके में एक कारोबारी पर हुए हमले के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन किया। एक प्रदर्शनकारी और बीजेपी कार्यकर्ता अंकुश चौहान ने कहा कि यह मस्जिद अवैध बनी हुई है। मस्जिद की चार मंजिलें अवैध हैं। उन्होंने कहा कि इसे 10 साल हो गए हैं। लेकिन इस मस्जिद पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही। यह अवैध मस्जिद गिरनी चाहिए। इस मामले में हिमाचल विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी बहस देखने को मिली।

मंत्री ने बताया 'अवैध'

कांग्रेस सरकार के मंत्री अनिरुद्ध ठाकुर ने खुद इस मामले पर हिमाचल प्रदेश विधानसभा में एक रिपोर्ट पेश की और इस मस्जिद के कुछ निर्माण को 'अवैध' बताया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में बोलते हुए सिंह ने शिमला की संजौली मस्जिद के निर्माण की जांच की मांग की। सिंह ने यह भी कहा कि मस्जिद के कथित अवैध निर्माण के कारण इलाके में तनाव पैदा हो गया है।


मस्जिद निमार्ण के विरोध में शिमला के उपनगर संजौली के अलावा चौड़ा मैदान में भी विभिन्न संगठनों के लोगों के साथ स्थानीय लोग भी सड़कों पर उतर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी मस्जिद को गिराने की मांग कर रहे हैं। अधिकारियों ने स्वीकार किया कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर बने ढांचे का एक हिस्सा अवैध है। उन्होंने कहा कि मामला संवेदनशील है और यह समुदायों की धार्मिक भावनाओं से जुड़ा है।

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि कारोबारी पर हमले के मामले में हत्या के प्रयास की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि मामले की जांच DSP रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले प्रवासियों का पंजीकरण किया जाएगा।

नगर निकाय के एक अधिकारी ने पीटीआई से कहा, "उक्त ढांचे की सबसे ऊपरी मंजिल अनधिकृत है। नगर निगम अदालत में कार्यवाही जारी है। निर्माण कार्य रोक दिया गया है।" उन्होंने कहा कि एक महीने पहले अवैध रूप से एक शौचालय का निर्माण किया गया था। लेकिन 24 घंटे का नोटिस देने के बाद उसे ध्वस्त कर दिया गया था।

कब शुरू हुआ विवाद?

पिछले हफ्ते संजौली मस्जिद के बाहर हुए एक युवक के साथ मारपीट की घटना के मामले में कुछ लोगों ने मस्जिद का घेराव किया और नारेबाजी की थी। पीटीआई के मुताबिक, यह विवाद तब शुरू हुआ, जब मलाणा क्षेत्र में एक कारोबारी और कुछ अन्य व्यापारियों पर अल्पसंख्यक समुदाय के आधा दर्जन लोगों ने सरिया एवं लाठियों से हमला कर दिया। इस हमले में चार व्यापारी घायल हो गए। घटना के वक्त ये व्यापारी घर लौट रहे थे।

पुलिस ने मामले में FIR दर्ज कर ली है। शहर के विभिन्न हिस्सों से सैकड़ों लोगों ने प्रदर्शन में भाग लिया। शिमला में अल्पसंख्यक समुदाय के प्रवासियों की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त की। प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक, मस्जिद पर अवैध निर्माण का फैसला नगर आयुक्त की अदालत में होगा। मामले की सुनवाई 7 सितंबर को होनी है, जिसमें यह तय किया जाएगा कि 'अनधिकृत निर्माण' को ध्वस्त किया जाना चाहिए या नहीं। निगम के अनुसार, संजौली में स्थित एक धार्मिक स्थल की इमारत के अंदर कथित तौर पर अनधिकृत निर्माण है। इस मामले को वक्फ बोर्ड ने चुनौती दी है।

शिमला नगर निगम आयुक्त ने कहा कि मामले की सुनवाई आयुक्त की अदालत में तय की गई है। इसमें अनधिकृत निर्माण के बारे में आगे का फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा, "मामले से जुड़ी सभी रिपोर्टें मंगा ली गई हैं। शनिवार 7 सितंबर को आगे का फैसला लिया जाएगा।"

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