दुनियाभर में बहुत से ऐसे लोग हैं, जो सांप के नाम से थर-थर कांपने लगते हैं। मौत के घाट उतार देने वाले जहर से भरे इन रेंगने वाले जीवों से इंसान तो इंसान जंगल के जंगली जानवर भी खौफ खाते हैं। कहा जाता है कि एक बार सांप अगर भड़क गया तो फिर अपने शिकार की हालत पतली कर देता है। हालांकि, भारत में बहुत कम जहरीले सांप पाए जाते हैं। फिर भी सांपों से सतर्क रहने की जरूरत है। कुछ ऐसे सांप होते हैं जिनको देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि वह कितने जहरीले होते है। सांप अगर काट ले और जहरीला नहीं है तो ऐसी स्थिति में भी संक्रमण फैलने का खतरा बना रहता है।
उत्तर प्रदेश के बलिया के श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राणीशास्त्र विभाग (Zoology Department) के विशेषज्ञ डॉ. अनिल कुमार ने लोकल 18 से सांपों के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि जहरीले जीव जंतुओं से हमेशा सावधान रहना चाहिए। किसानों को कृषि करने के दौरान अक्सर सांपों से सामना हो जाता है। ऐसे में जहरीले और बगैर जहरीले सांपों का पहचान करना बेहद जरूरी है।
जहरीले सांपों की ऐसे करें पहचान
जहरीले सांपों को उनकी पुतलियों की मदद से पहचान सकते हैं। इनकी पुतलियां कटी हुई रहती हैं। इसके साथ ही इनका आकार अंडाकर रूप में होता हैं। यह दिखने में रंग में काली और आकार में पतली दिखाई देती है। वहीं जहरीले सांपों की पहचान सिर से भी कर सकते हैं। जहरीले सांपों का सिर त्रिकोण आकार में होता है। कुछ जहरीले सांप ऐसे होते हैं। जिनके सिर के ऊपर छेद होता हैं। यह एक गड्ढे की तरह दिखाई देता है। देखा जाए तो इनके मुंह के पास भी 2 गड्ढे होते हैं। जिसकी मदद से वे अपने शिकार की खोज करते हैं।
अगर सांप के फन के ऊपर घोड़े के नाल की तरह मुकुट का सफेद निशान हो तो समझ जाइए सांप बहुत जहरीला है। यह निशान भारत में पाए जाने वाले कोबरा पर भी होता है।
यह सांप भी बहुत जहरीला होता है। इसका रंग काला और ब्राउन होता है। इसकी त्वचा चमकीली और मुंह से कुछ दूरी तक सफ़ेद दाग के साथ शरीर पर सफ़ेद रंग की दो धारियां नजर आती हैं। इसकी आंखें बड़ी और गोल होती है। यह सांप रात के समय बरसात के दिनों में ज्यादा काटते हैं।
पूछ से कैसे पहचानें सांप जहरीला है या नहीं
अगर किसी सांप की पूछ पतली हो तो ज्यादा जहरीला हो सकता है। मोटी और गोल पूंछ वाले ज्यादे सांप साधारण होते हैं।
दुनिया भर में हर साल लगभग इतने लाख लोगों की मौत
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया भर में हर साल करीब 45-54 लाख लोग सर्पदंश की चपेट में आते हैं। जिनमें से करीब 1.38 लाख लोगों की मौत हो जाती है। WHO का लक्ष्य 2030 तक सर्पदंश से होने वाली मौतों में 50 फीसदी तक की कमी लाना है। सर्पदंश के अधिकांश मामले अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका में होते हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) के अनुसार, भारत में सालाना अनुमानित 30 से 40 लाख सर्पदंश की घटनाएं होती हैं। इनमें से 50,000 की मौतें होती हैं जोकि वैश्विक स्तर पर होने वाली मौतों का करीब 40 फीसदी हिस्सा है।