Sudha Murty on Praggananandhaa: भारत में करोड़ों लोग भारतीय ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद की FIDE World Cup में सफलता की दुआ मांग रहे हैं। ऐसे में सुधा मूर्ति ने लोगों से बच्चे पर प्रेशर ना डालने की दरख्वास्त की है। रमेशबाबू प्रगनानंद ने वर्ल्ड नंबर वन Magnus Carlsen के खिलाफ दो गेम्स को ड्रॉ कर दिया है। रमेशबाबू प्रगनानंद की ये सफलता की कहानी चंद्रयान 3 की सफलता के साथ चर्चा में है।
प्रज्ञानंद के नाम कई रिकॉर्ड
बात करें शतरंज के ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रगनानंद की तो उन्होंने 12 की उम्र में ही ग्रैंडमास्टर का खिताब जीत लिया था। 16 की उम्र में वो वर्ल्ड चैंपियन Magnus Carlsen को हराने वाले सबसे छोटी उम्र के खिलाड़ी बन गए थे। वर्तमान में वो अजरबाइजान में है जहां उनका मुकाबला फिर एक बार Magnus Carlsen से है। दो ड्रॉ के बाद अब वो रैपिड फॉर्मेट में वर्ल्ड के नंबर वन चैंपियन के साथ भिड़ेंगे। 'सफलता से पहले जरूरी ये है कि रमेशबाबू प्रगनानंद अभी भी हाई स्कूल के 18 साल के लड़के हैं।' ऐसे में सुधा मूर्ति चाहती हैं कि वो हार और जीत की अहमियत समझे।
सूधा मूर्ति ने कहा कि मैं उसे ये कहकर परेशानी में नहीं डालना चाहती कि तुम्हें जीतना ही है। चाहती हूं की वो शांति के साथ अपने गेम पर कॉन्सट्रेट करे। जब उनसे पूछा गया कि वो 24 अगस्त को कैसा परफॉर्म करेंगे तो सुधा मूर्ति ने कहा कि ये तो भगवान की इच्छा पर ही निर्भर है। लोगों को कभी भी सपोर्ट्स को एक टेंशन से भरा खेल नहीं बनाना चाहिए। हमेशा खिलाड़ी को शांत मन के साथ खेलने दिया जाना चाहिए। जो भी खेल में अच्छा होगा उसे खिताब मिलेगा। हमें बच्चे को टेंशन में नहीं डालना चाहिए।
रमेशबाबू प्रगनानंद आज दो ड्रॉ के बाद रैपिड राउंड खेलने जा रहे हैं। आज के खास दिन के लिए रमेशबाबू प्रगनानंद ने कहा कि मैं एक फ्रेश माइंड के साथ शुरुआत करूंगा। मुझे पता है कि मुझे बहुत सारे गेम्स खेलने होंगे कई टाय ब्रेकर्स और छोटे गेम्स भी इसलिए मुझे हर गेम के लिए तैयार रहना होगा।