Auction: 70000 की गाय 9.25 लाख रुपये में बिकी, टूट गए सभी रिकॉर्ड, जानिए इस गाय की खासियत

Tharparkar Breed Cow In 9.25 Lakh: राजस्थान के सूरतगढ़ के केंद्रीय पशु प्रजनन फार्म में थारपारकर नस्ल की गायों और बछियों की एक दिन की खुली बोली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस बोली में सबसे महंगी गाय (नंबर 8034) की बोली 9.25 लाख रुपये लगाई गई। यह बोली महाराष्ट्र के सतारा जिले के पशुपालक पुष्करराज मौर्य ने लगाई थी

अपडेटेड Oct 21, 2024 पर 3:05 PM
Story continues below Advertisement
Tharparkar Breed Cow In 9.25 Lakh: थारपारकर नस्ल की गाय भीषण गर्मी और सर्दी को सहन कर सकती है। इसके दूध और घी की मांग हमेशा बनी रहती है।

भारत सरकार के केन्द्रीय पशु प्रजनन फार्म में थारपारकर नस्ल की गायों और बछियों की खुली बोली लगाने का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें थारपारकर गाय की नीलामी ने अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। नीलामी में 85 किसानों और पशुपालकों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। नीलामी में कुल 43 पशुओं को रखा गया था। जिसमें थारपारकर गाय संख्या 8034 की सबसे बड़ी बोली लगी। इस गाय के लिए 9.25 लाख रुपये की बोली लगाई गई। यह बोली महाराष्ट्र के सतारा जिले के निमसोड निवासी प्रगतिशील किसान और ब्रीडर पुष्कराज विठ्ठल ने लगाई थी। बाद में पुष्कराज ने इसे खरीद लिया।

केन्द्रीय पशु प्रजनन फार्म के इतिहास में अब तक सबसे बड़ी नीलामी है। यह गाय एक साल में औसतन 2092 किलो दूध देती है। गाय की सरकारी कीमत 70,000 रुपये तय की गई थी। फॉर्म के संयुक्त निदेशक डॉ. वी.के. पाटिल ने बताया कि इस नीलामी में कुल 43 पशुओं की बिक्री से 78.47 लाख रुपये राजस्व जुटाया गया है। सुबह से शाम तक चली इस बोली में 65 पशुपालकों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि पिछले साल अक्टूबर 2022 में भी एक गाय 3.05 लाख रुपये में बिकी थी।

बछियों की भी खूब रही डिमांड


डॉ. पाटिल ने बताया कि गायों के साथ-साथ बछियों की भी बोली लगाई गई। बछिया (नंबर 8729) को 1.75 लाख रुपये में खरीदा गया। इसकी सरकारी कीमत 35,000 रुपये थी। वहीं, दूसरी बछिया (नंबर 8893) 1.68 लाख रुपये में खरीदी गई। इसकी सरकारी कीमत 15,000 रुपये थी। इस बोली में हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत कई राज्यों के पशुपालकों ने हिस्सा लिया।

थारपारकर नस्ल की गायों की खासियत

थारपारकर नस्ल की गायें भीषण गर्मी और सर्दी सहन करने की क्षमता रखती हैं। स नस्ल की गायों के दूध और घी की डिमांड हमेशा बनी रहती है। यह गाय रोजाना 15 से 18 लीटर तक दूध देती है। आमतौर पर गर्मी ज्यादा पड़ने की वजह से गायों का दुग्ध उत्पादन घट जाता है। लेकिन थारपारकर नस्ल की गायों के साथ ऐसा कुछ नहीं होता है। कुल मिलाकर गर्मी सर्दी का इन पर कोई असर नहीं पड़ता है। इस गाय की नस्लों को ‘दुधारू सोने’ के नाम से भी जानते हैं। इन गायों की इम्यूनिटी बहुत ज्यादा होती है। लिहाजा यह जल्दी बीमार नहीं होती हैं।

Video: घर की छत पर लटक गया ट्रक, देखने वालों के उड़े होश, आखिर कैसे पहुंचा, देखें वीडियो

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Oct 21, 2024 2:56 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।