वाराणसी के मलहिया गांव में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की ओर से 40 कुंवारी लड़कियों को गर्भवती घोषित कर दिया गया। यह घटना तब सामने आई, जब इन लड़कियों को मंत्रालय की ओर से एक मैसेज मिला। जिसमें बताया गया था कि उनका पोषण ट्रैकर में सफलता पूर्वक रजिस्ट्रेशन हो चुका है। कुंवारी लड़कियों के पास गर्भवती होने या उनके बच्चे के रजिस्ट्रेशन का मैसेज आया है। उन्हें बधाई के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी भी दी गई है।
मोबाइल पर आए मैसेज में पुष्टाहार सेवा का भी जिक्र किया गया था। यह संदेश देख लड़कियों और उनके परिवारों में हड़कंप मच गया। ग्राम प्रधान के जरिए मुख्य विकास अधिकारी (CDO) से शिकायत की गई। इसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई। पूरे मामले की जब जांच की गई तो पाया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की गलती के कारण यह संदेश लगभग 40 लड़कियों को भेज दिया गया था।
इस मामले में डीपीओ डी के सिंह ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए सफाई दी है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी में काम करने वाली महिलाओं ने सभी के लड़कियों का नाम वोटर आईडी से जोड़ने के लिए आधार कार्ड और फोन नंबर मांगा था। लेकिन गलती से आंगनबाड़ी कार्यकत्री ने पोषण ट्रैकर पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन कर दिया था। जांच में यह भी बात सामने आई कि उन लड़कियों के नाम से कोई भी पोषण नहीं लिया गया है। पोषण रजिस्टर में भी उनका कोई जिक्र नहीं है। जिससे यह साफ है कि पोषण में गड़बड़ी के मकसद से ऐसा काम नहीं किया गया है। उन्होंने आगे बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्री पर एक्शन लिया है। आंगनबाड़ी में काम करने वालों का एक महीने की सैलरी रोक दी गई है। इसके अलावा उन्हें कठोर चेतावनी भी दी गई है।
2 लाख से कम आय वाले परिवार को मिलते हैं 5000 रुपये
बता दें कि अगर किसी परिवार की आय सालाना 2 लाख से कम है, तो उसे प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना के तहत प्रेग्नेंसी के समय 5000 रुपये मिलते हैं। मलहिया की सहानी बस्ती में ज्यादातर मजदूर परिवार हैं। जिनकी सालाना आय 2 लाख से कम है। आबादी के हिसाब से आगनबाड़ी रखी जाती हैं। शहरी क्षेत्रों में कम लोगों पर आगनबाड़ी होती हैं। वहीं ग्रामीण इलाकों में ज्यादा लोगों पर होती हैं।