Vande Bharat Sleeper: इंडियन रेलवे ने भारत की जनता को वंदे भारत जैसी सुपरफास्ट ट्रेन की सौगात दी जिसने भारत के कई इलाकों में यात्रा करना बेहद आसान बना दिया है। हाल ही में वंदे भारत को लेकर एक बड़ा फैसला लिया गया जिसका ऐलान खुद रेल मंत्री ने किया। आपको अगर याद हो तो कुछ समय पहले रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की जानकारी दी थी। खुशखबरी ये है कि वंदे भारत की स्लीपर कोच का कमर्शियल प्रोडक्शन टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) के उत्तरपाड़ा प्लांट में जून 2025 से शुरू होने जा रहा है।
सोने की रहेगी ट्रेन पूरी व्यवस्था
वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन, देश के कोने-कोने में वर्तमान में चलाई जा रही वंदे भारत से पूरी तरह से अलग होगी। बैठने वाली सीटों की जगह इसमें सोने के लिए सीटें लगाई जाएंगी। इस ट्रेन के 50-55 प्रतिशत कलपुर्जों का निर्माण बंगाल में ही होगा। इस गठजोड़ में टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) की 52 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी रहेगी। टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) के वाइस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी के मुताबिक रेलवे से मिले इस ठेके की कुल लागत 24,000 करोड़ रुपए है जिसमें से TRSL की कुल हिस्सेदार सिर्फ 12,716 करोड़ रुपए की है। वंदे भारत स्लीपर कोच का काम लगभग 6 सालों के भीतर पूरा किया जाएगा।
प्रोटोटाइप दो साल के भीतर ही हो जाएगा तैयार
उमेश चौधरी ने बताया कि वो वंदे भारत की इस खास स्लीपर ट्रेनों का निर्माण लगभग दो सालों के भीतर कर देंगे। जून 2025 से इस ट्रेन की कमर्शियल प्रोडक्शन शुरू होगी। इसके जरूरी ढांचे के लिए उत्तरपाड़ा प्लांट में जरूरी तैयारियां अभी से शुरू कर दी गई हैं। शुरुआती तैयारी के लिए 650 करोड़ रुपए का अलग से इंतजाम किया जा चुका है। टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (TRSL) के वाइस चेयरमैन ने बताया कि वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप दो साल के भीतर तैयार कर लिया जाएगा।
रूसी कंपनी भी वंदे भारत को देगी नया रूप
आठ ट्रेनें उत्तरपाड़ा प्लांट में ही तैयार की जाएंगी जबकि बाकि ट्रेनों को चेन्नई प्लांट में असेंबल किया जाएगा। वंदे भारत की स्लीपर ट्रेन लगभग 160 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ पाएगी। ट्रेन में 16 डिब्बें होंगे और एक समय पर 887 यात्री इसमें यात्रा कर पाएंगे। स्लीपर कोच वाली 120 वंदे भारत ट्रेनें तैयार होने वाली हैं। इनकी मैन्युफैक्चरिंग में रेल विकास निगम लिमिटेड और रूसी कंपनी टीएमएच भी शामिल रहेगी।