Veg or Non-veg: वेज या नॉन-वेज, यह काफी पुरानी और कभी नहीं खत्म होने वाली बहस है। हालांकि महंगाई के इस दौर में बात करें तो जेब के लिए नॉन-वेज अच्छा साबित हुआ है। एक रिपोर्ट सामने आई है जिसके मुताबिक पिछले एक साल में वेज थाली करीब 5 फीसदी महंगा हुआ है तो दूसरी तरफ नॉन-वेज थाली 13 फीसदी सस्ता हुआ है। यह रिपोर्ट क्रिसिल ने आज बुधवार को जारी की है। इस रोटी राइस रेट (RRR) रिपोर्ट की वेज थाली में रोटी, प्याज, टमाटर और आलू, चावल, दाल, दही और सलाद है जबकि नॉन-वेज थाली में दाल को छोड़ वेज थाली की बाकी सभी चीजें हैं और दाल की बजाय ब्रॉयलर चिकन है।
Veg vs Non-veg: भाव में कितना उतार-चढ़ाव
इस साल जनवरी में वेज थाली पर 28 रुपये खर्च हुआ जबकि पिछले साल यह 26.6 रुपये पर था। वहीं नॉन-वेज थाली के भाव पिछले साल की जनवरी से इस साल की जनवरी तक 59.9 रुपये से सस्ता होकर 52 रुपये पर आ गया। अब बात करते हैं कि वेज थाली महंगी क्यों हुई तो इसकी वजह टमाटर और प्याज रहे। एक साल में टमाटर 20 फीसदी और प्याज 35 फीसदी महंगा हुआ। वहीं चावल भी इस दौरान 14 फीसदी और दाल 21 फीसदी महंगा हुआ। नॉन-वेज थाली की बात करें तो यह सस्ती इसलिए हुई क्योंकि एक साल में ब्रॉयलर 26 फीसदी सस्ता हुआ। यह सस्ता इसलिए हुआ क्योंकि इसका प्रोडक्शन बढ़ा है। नॉनवेज थाली की आधी कीमत ब्रॉयलर की ही होती है यानी कि यह सस्ता हुआ तो नॉन-वेज थाली भी सस्ती होगी।
दिसंबर के मुकाबले जनवरी में मिली राहत
अब अगर दिसंबर महीने से तुलना करें तो वेज और नॉन-वेज, दोनों ही थालियां जनवरी में सस्ती हुईं। क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर महीने की तुलना में जनवरी में वेज थाली 6 फीसदी और नॉन-वेज थाली 8 फीसदी सस्ती हुई। इनमें यह गिरावट इसलिए हुई क्योंकि सप्लाई बढ़ने और नई फसल आने के चलते प्याज 26 फीसदी और टमाटर 16 फीसदी सस्ता हुआ। नॉन-वेज थाली के भाव इसलिए अधिक गिरे क्योंकि दिसंबर के मुकाबले जनवरी में ब्रॉयलर के भाव 8-10 फीसदी कम हुए।