Women's Reservation Bill: लोकसभा ने बुधवार 20 सितंबर को महिला आरक्षण बिल (नारीशक्ति वंदन विधेयक) को मंजूरी दे दी जिसमें संसद के निचले सदन और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीट महिलाओं के लिए रिजर्व करने का प्रावधान है। विधेयक पर निचले सदन में करीब 8 घंटे की चर्चा हुई। कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल के जवाब के बाद मत विभाजन के जरिए इसे स्वीकृति दी गई। विधेयक के पक्ष में 454 वोट पड़े और विरोध में 2 वोट पड़े। विधेयक पारित किए जाने के दौरान सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौजूद थे।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) और उनकी पार्टी के सांसद इम्तियाज जलील (Imtiaz Jaleel) ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक के खिलाफ मतदान किया। वे एकमात्र दो सांसद थे, जो नारी शक्ति वंदन अधिनियम विधेयक के विरोध में थे।
दरअसल, हैदराबाद से लोकसभा सांसद ओवैसी ने बिल में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए अलग से रिर्जेवशन की मांग कर रहे थे। इंडिया टुडे TV से बात करते हुए ओवेसी ने कहा कि वे OBC और मुस्लिम महिलाओं को शामिल करने के लिए लड़ रहे हैं। औवैसी ने पूछा, ''भारत में OBC की आबादी 50 फीसदी से ज्यादा है, लेकिन लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 22 फीसदी है। भारत में मुस्लिम महिलाओं की आबादी 7 फीसदी है, जबकि लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व 0.7 फीसदी है। क्या आप उन्हें प्रतिनिधित्व नहीं देंगे?"
ओवेसी ने महिला आरक्षण विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि यह केवल "सवर्ण महिलाओं" (उच्च जाति की महिलाओं) को आरक्षण प्रदान करेगा। उन्होंने सवाल किया, "इस विधेयक के पीछे का उद्देश्य लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को प्रतिनिधित्व देना था। हालांकि, ओबीसी और मुस्लिम महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। तो क्या आप उन्हें आरक्षण नहीं देंगे?"
उन्होंने संसद के बाहर कहा, "क्या आप उन लोगों को प्रतिनिधित्व नहीं देंगे जिनके लिए आप कानून ला रहे हैं? हमने इसके खिलाफ वोट दिया ताकि उन्हें पता चले कि दो सांसद थे जो OBC और मुस्लिम महिलाओं को इस बिल में शामिल करने के लिए लड़ रहे थे।"
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने विधेयक पर चर्चा की शुरुआत की। राहुल गांधी, गृह मंत्री अमित शाह, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी समेत कुल 60 सदस्यों ने इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। इनमें 27 महिला सदस्य शामिल हैं। सरकार ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण होगा।