Child Prodigy Akrit Pran Jaswal: भारत सिर्फ ऋषियों, मुनियों (Indian Land) की धरती ही नहीं है। यहां केवल वेद, काव्य (Indian Vedic Period) की ही रचनाएं नहीं होती हैं बल्कि ये धरती है विज्ञान और शस्त्र-शास्त्रों (India Rich Culture) की, साथ ही उन बुद्धिजीवियों की जिन्होंने दुनियाभर में भारत के नाम को रोशन किया। आर्यभट्ट, चाणक्य, विवेकानंद, सीवी रमन, रामानुजन (India's Greatest Personalities) जैसे ना जाने कितने नाम हैं जिनके बारे में आज भी स्कूलों में पढ़ाया जाता है। सबमें बचपन से ही सीखने की लगन और आगे बढ़ने की ललक थी। कहते हैं ना कि सदी में ही एक ऐसा सूरमा पैदा होता है जो सदियों के इतिहास को बदल देता है। खैर ये राजा-महाराजाओं का युग नहीं बल्कि आधुनिक युग है और यहां शस्त्र और शारीरिक बल से ज्यादा बुद्धिबल (Indian Genius) को तवज्जो दी जाती है। भारत के एक छोटे जीनियस की सीखने की क्षमता ने आइंस्टाइन को भी पीछे छोड़ दिया है। आकृत प्राण जसवाल (Akrit Pran Jaswal) नाम के इस युवक ने सात साल की छोटी सी उम्र में ही करामात कर दिखाई। जिस उम्र में बच्चे अभी अक्षर ज्ञान में ही महारत हासिल कर पाते हैं, उस उम्र में इन्होंने एक सफल सर्जरी (World Youngest Surgeon) को अंजाम दिया।
Akrit Pran Jaswal हिमाचल का जीनियस
हिमाचल प्रदेश के रहने वाले आकृत प्राण जसवाल ने सात साल की छोटी सी उम्र में सर्जन का तमगा हासिल कर लिया है। इसी के साथ ये दुनिया के सबसे छोटे सर्जन बन गए हैं। आकृत दस महीने के थे जब उनकी सीखने की क्षमता ने पूरे परिवार को अचंभे में डाल दिया था। दो साल की उम्र में ही लिखना और पढ़ना आकृत ने सीख लिया। इतना ही नहीं पांच साल की उम्र में वो इंग्लिश क्लासिक पढ़ने लग गए। सात साल के बच्चों को जहां बेसिक मैथ्स और साइंस पढ़ने में मुश्किल आती है वहीं आकृत तेजी से सभी चीजों को सीख रहे थे।
आकृत प्राण जसवाल ने की एक घंटे की सफल सर्जरी
एक मरीज के जले हुए हाथ को ऑपरेट करने के बाद नुरपूर हिमाचल प्रदेश के आकृत प्राण जसवाल ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। 12 साल की उम्र में ही ये वंडर किड यूनिवर्सिटी का सबसे युवा छात्र बन गया। 13 साल की उम्र में ही आकृत का IQ 146 था जो उनकी उम्र में किसी भी बच्चे के मुताबिक सबसे ज्यादा है। Oprah Winfrey के टॉक शो में आने के बाद आकृत पूरी दुनिया में तेजी से फेमस हो गए।
कैंसर की खोज में जुटे आकृत ने IIT कानपुर में भी काम किया है। धर्मशाला माध्यमिक शिक्षा के चेयरमैन ने आकृत को सही गाइडेंस और सपोर्ट भी ऑफर किया है। आकृत को IIT कानपुर में एनरॉल किया गया है ताकि वो वहां से बायोइंजीनियरिंग की पढ़ाई कर सकें। 12 की उम्र में आकृत ने चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया और 17 की उम्र में केमिस्ट्री में मास्टर्स डिग्री कर रहे हैं।