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अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने पर इंडिया के लिए कितना बढ़ जाएगा रिस्क?

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिकी राष्ट्रपति पद की शपथ ली। उसके बाद उन्होंने कई देशों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी। सबसे पहले उन्होंने मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान किया। अब अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहा है

Rakesh Ranjanअपडेटेड Feb 14, 2025 पर 11:56 AM
अमेरिका का रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने पर इंडिया के लिए कितना बढ़ जाएगा रिस्क?
रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है कि अमेरिका किसी देश के प्रोडक्ट्स पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वह देश अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर लगाता है।

दूसरी बार अमेरिका के राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने अपने इरादों का संकेत दे दिया है। वह पूरी दुनिया के साथ व्यापार युद्ध शुरू करने के लिए तैयार दिख रहे हैं। उनके आक्रामक रुख ने पूरी दुनिया को बेचैन कर दिया है। अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी है। अगर अमेरिका टैरिफ बढ़ाता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। 13 फरवरी को ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने के आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया। अमेरिकी सरकार यह देखेगी कि कौन सा देश अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर कितना टैरिफ लगाता है। फिर अमेरिका उस देश के प्रोडक्ट्स पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। इसका मतलब है कि फिलहाल कनाडा, मैक्सिको और चीन को छोड़ बाकी देशों पर अमेरिका कोई टैरिफ लगाने नहीं जा रहा है।

अमेरिका मैक्सिको, कनाडा और चीन पर टैरिफ बढ़ा चुका है

नोमुरा की रिपोर्ट यह बताती है कि अमेरिका के रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) लगाने का इंडिया पर कितना असर पड़ेगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक, रेसिप्रोकल टैरिफ लागू होने पर इंडिया के लिए रिस्क बढ़ जाएगा। इसकी वजह यह है कि इंडिया अमेरिका के प्रोडक्ट्स पर अपेक्षाकृत ज्यादा टैरिफ लगाता है। इसका मतलब है कि अब अमेरिका भी इंडियन प्रोडक्ट्स पर उतना ही टैरिफ लगाएगा। इससे पहले अमेरिका चीन पर 10 फीसदी टैरिफ लगा चुका है। उसने सभी देशों से अमेरिकी मार्केट में आने वाले स्टील और एल्युमीनियम पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का ऐलान किया है।

दूसरे देशों के लिए रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब 

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