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Bihar Election 2025: जमालपुर में उतरे 'एक्शन हीरो' पूर्व IPS शिवदीप लांडे, बोले- बिहार की माटी का कर्ज चुकाने निकला हूं

Bihar Chunav 2025: नामांकन के दौरान हजारों की संख्या में जुटे समर्थक ढोल-नगाड़ों के साथ 'शिवदीप लांडे जिंदाबाद' के नारे लगाते नजर आए। समर्थकों ने उन्हें फूल-मालाओं से स्वागत किया और कई ने तो उन्हें गोद में उठा लिया। शिवदीप लांडे के इस फैसले ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि वे पिछले कई महीनों से जमालपुर और आसपास के इलाकों में लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे थे

Suresh Kumarअपडेटेड Oct 16, 2025 पर 8:53 PM
Bihar Election 2025: जमालपुर में उतरे 'एक्शन हीरो' पूर्व IPS शिवदीप लांडे, बोले- बिहार की माटी का कर्ज चुकाने निकला हूं
Bihar Election 2025: जमालपुर में उतरे 'एक्शन हीरो' पूर्व IPS शिवदीप लांडे

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अब मुकाबला और भी दिलचस्प होता जा रहा है। गुरुवार (16 अक्टूबर) को बिहार के चर्चित पूर्व IPS अधिकारी और हिंद सेना के संस्थापक शिवदीप लांडे ने मुंगेर जिला अंतर्गत जमालपुर विधानसभा सीट (166) से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन दाखिल किया।

नामांकन के दौरान हजारों की संख्या में जुटे समर्थक ढोल-नगाड़ों के साथ 'शिवदीप लांडे जिंदाबाद' के नारे लगाते नजर आए। समर्थकों ने उन्हें फूल-मालाओं से स्वागत किया और कई ने तो उन्हें गोद में उठा लिया। इस दौरान लांडे ने कहा, "बिहार की माटी का कर्ज है, जिसे चुकाने के लिए मैं राजनीति के मैदान में उतरा हूं। मैंने हिंद सेना बनाई थी, लेकिन उसका रजिस्ट्रेशन समय पर नहीं हो सका, इसलिए इस बार निर्दलीय लड़ रहा हूं। अब फैसला जनता के हाथ में है कि वे कैसा बिहार चाहते हैं।"

शिवदीप लांडे बिहार पुलिस के उन अधिकारियों में गिने जाते हैं जिनकी छवि सख्त और ईमानदार अधिकारी की रही है। अपने कार्यकाल के दौरान वे महिलाओं की सुरक्षा, भ्रष्टाचार और अपराध के खिलाफ कड़े एक्शन के लिए "सिंघम ऑफ बिहार" के नाम से मशहूर हुए। उन्होंने कहा कि अगर जनता उन्हें मौका देती है, तो बिहार की आधी समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा "जब नेतृत्व मेरा होगा, तो माताएं और बहनें सुरक्षित रहेंगी। भ्रष्टाचार खत्म होगा, और बिहार की 50 प्रतिशत समस्या अपने आप समाप्त हो जाएगी। बाकी 50 प्रतिशत से लड़ने का तरीका मुझे सिस्टम के अंदर रहकर आता है।"

शिवदीप लांडे के इस फैसले ने बिहार की सियासत में नई हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि वे पिछले कई महीनों से जमालपुर और आसपास के इलाकों में लगातार जनसंपर्क अभियान चला रहे थे। वे गरीबों, युवाओं और महिलाओं से सीधे संवाद कर रहे थे।

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