Vande Bharat Train: वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की मांग इन दिनों कई जगह की जा रही है। यह भारत की सबसे फास्ट ट्रेन मानी गई है। इसकी क्षमता 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने की है। इसकी रफ्तार को लेकर सूचना के अधिकार (RTI) क जरिए चौंकाने वाला खुलासा सामने आया है। पटरियों की बेहद खस्ता हालत के चलते यह अपनी क्षमता से आधे स्पीड पर चल रही है। यह 100 किमी प्रति घंटे से भी रफ्तार से दौड़ रही है। पिछले दो साल से इस ट्रेन की औसत रफ्तार करीब 83 किमी प्रति घंटा है।
हर रूट पर रेलवे ट्रैक की अलग-अलग स्थिति के चलते उसकी औसत स्पीड अलग-अलग रहती है। मध्य प्रदेश के रहने चंद्रशेखर गौर (Chandra Shekar Gaur) ने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत जानकारी मांगी थी। उन्हें बताया गया कि सेमी हाई-स्पीट ट्रेन की औसत गति 2021-22 में 84.48 किलोमीटर प्रति घंटा थी। वहीं 2022-23 में भी यह इतनी ही थी।
कहीं 64 तो कहीं 95 किमी/घंटा औसत स्पीड
मुंबई CSMT -साईनगर शिर्डी वंदे भारत एक्सप्रेस की सबसे कम औसत स्पीड है। यहां करीब 64 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं, सबसे तेज औसत स्पीड 2019 में शुरू की गई देश की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की है। यह नई दिल्ली-वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस है। यह ट्रेन 95 किलोमीटर प्रति घंटे की औसत स्पीड से दौड़ रही है। ऐसे ही रानी कमलापति (हबीबगंज)-हजरत निजामुद्दीन वंदे भारत एक्सप्रेस 94 किमी प्रति घंटे की औसत गति से दूसरे पायदान है। कहा जा रहा है कि वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की औसत स्पीड राजधानी और शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेनों से बेहतर है।
ट्रेन की स्पीड 130 किमी प्रति घंटे
दे भारत एक्सप्रेस को RDSO ने डिजाइन किया है। इसकी मैन्यूफैक्चरिंग चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्टरी (ICF) में की गई है। अधिकारियों ने कहा कि पटरियों की स्थिति को देखते हुए वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटे तक रखी गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की ट्रेन की रफ्तार पटरियों की स्थिति पर निर्भर करती है।
जानिए देश में कितनी वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं
अधिकारियों का कहना है कि कोई भी ट्रेन या ट्रांसपोर्ट का कोई भी साधन ट्रैवलिंग के दौरान हमेशा अपनी अधिकतम स्पीड मेंटेन नहीं कर सकता है। लिहाजा औसत रफ्तार का अधिकतम स्पीड से कम रहना स्वाभाविक है। बता दें कि मौजूदा समय में देश में 14 वंदे भारत ट्रेन दौड़ रही हैं। अभी इन ट्रेनों में सिर्फ चेयर कार हैं, लेकिन जल्द ही स्लीपर कोच शुरू किए जा सकते हैं।