Bajaj Housing Finance IPO: पैसे लगाने चाहिए या नहीं? 4 पॅाइंट में जानिए स्ट्रेंथ, कमजोरी समेत पूरा एनालिसिस
Bajaj Housing Finance IPO: इसमें 3,560 करोड़ रुपये के 50.86 करोड़ नए शेयर जारी होंगे। साथ ही 3,000 करोड़ रुपये के 42.86 करोड़ शेयरों का ऑफर फॉर सेल रहेगा। इश्यू में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए, 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रहेगा
बजाज हाउसिंग फाइनेंस व्यक्तियों के साथ-साथ कॉरपोरेट एंटिटीज को घर या कमर्शियल स्पेस की खरीद और रिनोवेशन के लिए फाइनेंस की पेशकश करती है।
Bajaj Housing Finance IPO: डायवर्सिफाइड NBFC बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पब्लिक इश्यू के लिए निवेशकों का लंबे वक्त का इंतजार नए सप्ताह में सोमवार को खत्म हो जाएगा। सोमवार, 9 सितंबर को इस IPO की ओपनिंग होने जा रही है और 11 सितंबर तक पैसे लगाए जा सकेंगे। बजाज हाउसिंग फाइनेंस, मार्केट में लिस्टेड बजाज फाइनेंस के मालिकाना हक वाली कंपनी है और अपने इश्यू से 6,560 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। IPO क्लोज होने के बाद शेयरों की लिस्टिंग BSE और NSE पर 16 सितंबर को हो सकती है।
IPO के बाद कंपनी का मार्केट कैप ₹54,965.8 करोड़ से लेकर ₹58,297 करोड़ रुपये तक रहने की उम्मीद है। वैल्यूएशन लोअर और अपर प्राइस बैंड के लिए 3.01x से लेकर 3.19x के प्राइस-टू-बुक वैल्यू (P/BV) रेशियो पर बेस्ड है। IPO में बोली लगाने के लिए प्राइस बैंड 66-70 रुपये प्रति शेयर और लॉट साइज 214 शेयर है।
इस रिपोर्ट में बजाज हाउसिंग फाइनेंस के IPO का SWOT एनालिसिस किया गया है। SWOT में S का मतलब स्ट्रेंथ, W का मतलब वीकनेस, O का मतलब ऑपर्च्युनिटीज यानि मौके और T का मतलब थ्रेट यानि जोखिम है। सीधे शब्दों में इस एनालिसिस में किसी कंपनी की खूबियों, कमजोरियों, मौकों और चुनौतियों का पता लगाया जाता है।
Bajaj Housing Finance की स्ट्रेंथ
बेस्ट इन क्लास एसेट क्वालिटी: कंपनी का पोर्टफोलियो मजबूत है। AAA रेटिंग इसकी अच्छी वित्तीय सेहत को दर्शाती है।
मजबूत ब्रांड पहचान: कंपनी को बजाज ब्रांड की प्रतिष्ठा और स्थिरता से फायदा मिलता है।
डायवर्स और कम लागत वाले फंडिंग स्रोत: बजाज हाउसिंग फाइनेंस के पास कॉस्ट इफेक्टिव बॉरोइंग की एक्सेस है, जो इसकी ऑपरेशनल एफिशिएंसी को सपोर्ट करती है।
स्थिर जोखिम प्रबंधन: ट्रेडिशनल होम फाइनेंस लोन्स में गिरावट के बावजूद रिस्क वेटेड एसेट्स-टू-AUM रेशियो स्थिर बना हुआ है।
कंपनी की कमजोरियां
शुद्ध ब्याज मार्जिन (NIM) में गिरावट: हाई-यील्ड वाले पोर्टफोलियो में वृद्धि के बावजूद, बढ़ती फंडिंग कॉस्ट्स के कारण हाल की तिमाहियों में NIM घटा है।
रीजनल कॉनसंट्रेशन: कंपनी के AUM यानि एसेट्स अंडर मैनेजमेंट का एक बड़ा हिस्सा 69.5% सिर्फ तीन राज्यों से आता है। यह इसे क्षेत्रीय आर्थिक जोखिमों के चलते असुरक्षित बनाता है।
अनुपालन संबंधी मुद्दे: अतीत में कंपनी में RBI रेगुलेशंस का पालन नहीं करने और इंटर्नल ऑडिट गैप्स जैसे मुद्दे सामने आ चुके हैं।
IPO के माध्यम से फंड्स की लागत कम करना: जुटाया गया फंड कंपनी की उधारी लागत को कम कर सकता है, जिससे मार्जिन में सुधार हो सकता है।
बढ़ता हुआ हाउसिंग फाइनेंस सेक्टर: भारत का हाउसिंग फाइनेंस बाजार अभी भी कम विकसित है, जो विकास की संभावना प्रदान करता है।
डेवलपर लोन्स में वृद्धि: बजाज हाउसिंग फाइनेंस ने पिछले 27 महीनों में एसेट क्वालिटी में बिना किसी बड़ी गिरावट के अपने डेवलपर लोन पोर्टफोलियो को दोगुना कर लिया है।
बजाज हाउसिंग फाइनेंस के लिए खतरे
बढ़ती प्रतिस्पर्धा: बाजार में LIC हाउसिंग फाइनेंस और कैनफिन होम्स जैसे कॉम्पिटीटर्स मौजूद हैं। इसे देखते हुए बजाज हाउसिंग फाइनेंस को अपनी मार्केट पोजिशन बनाए रखने के लिए इनोवेशन और लागत प्रबंधन जारी रखना होगा।
फाइनेंशियल इनसाइट्स
अप्रैल-जून 2024 तिमाही में AUM ₹97,071.33 करोड़ रुपये हो गया। बढ़ते ब्याज खर्च के कारण कंपनी का NIM वित्त वर्ष 2022 के 4.1% से घटकर जून 2024 तिमाही में 3.9% हो गया। हालांकि इसका एसेट्स पर रिटर्न (ROA) 2.3% पर मजबूत बना हुआ है। जून 2024 तिमाही में ग्रॉस NPA 0.28% और शुद्ध NPA 0.11% रहा, जो इसकी बेहतर एसेट क्वालिटी को दर्शाता है।
NIM, ROA और इक्विटी पर रिटर्न (ROE) के मामले में बजाज हाउसिंग फाइनेंस का प्रदर्शन LIC हाउसिंग फाइनेंस और PNB हाउसिंग फाइनेंस जैसे प्रतिस्पर्धियों से बेहतर है। हालांकि, इसकी वैल्यूएशन अधिक है। कुल मिलाकर बजाज हाउसिंग फाइनेंस का IPO इसके ठोस बुनियादी सिद्धांतों, डायवर्सिफाइड लोन पोर्टफोलियो और मजबूत एसेट क्वालिटी से प्रेरित है। कंपनी के पास विकास के अवसर हैं, विशेष रूप से हाउसिंग फाइनेंस क्षेत्र में। लेकिन प्रतिस्पर्धा और अनुपालन के बारे में सतर्क रहना चाहिए।