ब्लैकस्टोन (Blackstone) अपनी भारतीय कंपनी इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (IGI) का आईपीओ लाने की तैयारी में है। यह आईपीओ करीब 30 करोड़ डॉलर (2502.68 करोड़ रुपये) का हो सकता है। इस कंपनी को खरीदे हुए ब्लैकस्टोन को अभी एक साल भी पूरे नहीं हुए और अब इसे यह घरेलू मार्केट में लिस्ट कराने की तैयारियों में जुट गई है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। ब्लैकस्टोन ने आईजीआई को चीन की कंपनी फोजुन (Fosun) और Lorie Family से मई 2023 में 57 करोड़ डॉलर में खरीदा था। इसका अधिकतर कारोबार भारत में है। इसका दावा है कि इसके पास हीरे और अन्य रत्नों और आभूषणों की टेस्टिंग और ग्रेडिंग के लिए दुनिया की सबसे बड़ी स्वतंत्र लैब है।
आईजीआई की शुरुआत बेल्जियम में करीब 50 साल पहले की गई थी। हालांकि अब इसका अधिकतर रेवेन्यू और प्रॉफिट भारत से आता है। भारत में इसके अधिकतर लैब हैं। लैब में यह डायमंड की स्क्रीनिंग करती है। अब इसके लिस्टिंग की तैयारी चल रही है तो आईजीओ को उम्मीद है कि भारत में लैब में बनने वाले डायमंड की ग्रोथ को यह भुना सकेगी। लैब में ऐसे हीरे बनते हैं जो प्राकृतिक हीरे के समान ही दिखते हैं और सस्ते भी होते हैं। पिछले साल बजट में इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए लैब डायमंड को बनाने पर टैक्स कटौती का ऐलान किया गया था।
सूत्रों के मुताबिक आईजीआई को लिस्ट करने की योजना अभी शुरुआती अवस्था में है और इसमें बदलाव भी हो सकता है। दो सूत्रों ने बताया कि ब्लैकस्टोन पहले 150 करोड़ डॉलर के वैल्यूएशन पर आईपीओ लाने की योजना बना रही थी लेकिन अब यह 350 करोड़ डॉलर पर कोशिश कर रही है। हालांकि फाइनल फैसला आने वाले महीनों में तय होगी और यह निवेशकों की मांग पर निर्भर करेगी।
भारत में काफी बड़ा है ज्वैलरी मार्केट
वर्ष 2021 में भारत में ज्वैलरी मार्केट करीब 7800 करोड़ डॉलर की थी। आईजीआई जैसी कंपनियों के लिए यह काफी आकर्षक जगह है। भारत में लंबे समय से गोल्ड की मांग काफी मजबूत रही है लेकिन अब युवाओं के बीच डायमंड तेजी से अपनी जगह बना रहा है। वहीं आईपीओ को लेकर बात करें तो यहां आईपीओ मार्केट में पिछले कुछ समय से काफी हलचल दिख रही है और अमेरिका के बाद यहां का इक्विटी कैपिटल मार्केट (ECM) सबसे व्यस्त है। इसी का फायदा उठाते हुए ब्लैकस्टोन आईजीएम के लिस्टिंग की योजना बना रही है। LSEG के आंकड़ों के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च 2024 में भारतीय कंपनियों ने आईपीओ के जरिए 230 करोड़ डॉलर जुटाए हैं जो कि सालाना आधार पर 12 गुना अधिक है।