कैरारो इंडिया का आईपीओ 20 दिसंबर को खुल गया है। यह टेक्नोलॉजी आधारित ऑटो एंसिलियरी कंपनी है, जो एग्रीकल्चर और कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट सेक्टर में अपनी लीडरशिप पोजीशन के लिए जानी जाती है। कंपनी ने आईपीओ में शेयर का जो प्राइस रखा है, वह ज्यादा लगता है। इसका असर इस आईपीओ में निवेशकों की दिलचस्पी पर पड़ सकता है। इनवेस्टर्स जो लंबे समय के लिए निवेश करना चाहते हैं, वे इस कंपनी के स्ट्रॉन्ग बिजनेस का फायदा उठाने के लिए अट्रैक्टिव प्राइस पर लिस्टिंग के बाद इसमें निवेश कर सकते हैं।
कई दिग्गज कंपनियां क्लाइंट्स लिस्ट में
आईपीओ में शेयरों के अपर प्राइस बैंड पर यह इश्यू करीब 1,250 करोड़ रुपये का है। अपर प्राइस पर इंप्लॉयड मार्केट कैपिटलाइजेशन 4,002 करोड़ रुपये है। कंपनी एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर्स और कंस्ट्रक्शन व्हीकल्स के लिए एक्सल्स और ट्रांसमिशन सिस्टम बनाती है। इसके प्रमुख ऑरिजिनल इक्विमेंट मैन्युफैक्चरर (OEM) क्लाइंट्स में Mahindra, Tata Hitachi, Escorts Kubota, TAFE, John Deere, Cartepillar और CNH शामिल हैं। यह कंपनी एग्रीकल्चरल और कंस्ट्रक्शन दोनों सेक्टर को सेवाएं देती है।
एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर की सबसे पुरानी कपनियों में शामिल
कैरारो इंडिया देश में एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर और कंस्ट्रक्शन व्हीकल मार्केट की सबसे पुरानी कंपनियों में से एक है। इसका फायदा इसे मिलता है। इसके प्रोडक्ट्स की रेंज इसे दूसरी कंपनियों से अलग करती है। यह गियर्स की मैन्युफैक्चरिंग भी इंडिया में करती है, जबकि प्रतिद्वंद्वी कंपनियां इसका आयात करती हैं। इससे एक तरह जहां कंपनी को कॉस्ट के मामले में फायदा होता है तो दूसरी तरफ इसकी ऑपरेशन इंडिपेंडेंस बनी रहती है।
नॉन-कैप्टिव एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर ट्रांसमिशन मार्केट में मजबूत स्थिति
इस कंपनी का दबदबा नॉन-कैप्टिव एग्रीकल्चरल ट्रैक्टर ट्रांसमिशन मार्केट में है। यह इस मार्केट की अकेली बड़ी सप्लायर है। नॉन-कैप्टिव कंस्ट्रक्शन व्हीकल ट्रांसमिशन सेगमेंट में इसकी बाजार हिस्सेदारी 60-65 फीसदी है, जो पूरी इंडस्ट्री में सबसे ज्यादा है। अक्टूबर 2023 में कैरारो ग्रुप की पेरेंट कंपनी Carraro S.p.A ने वर्ल्डवाइज एग्जिक्यूटिव राइट्स, टाइटल और इंडियन मार्केट के लिए तैयार खास आईपी (Intellectual Property) को Carraro India को ट्रांसफर किया है। इससे प्रॉपरायटरी टेक्नोलॉजी पर कंपनी का कंट्रोल हो गया है।
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क्या आपको निवेश करना चाहिए?
जहां तक वैल्यूएशन की बात है तो आईपीओ के अपर प्राइस बैंड पर FY27 की अनुमानित अर्निंग्स पर इसका पी/ई 30.7 गुना है। यह काफी ज्यादा लगता है। खासकर कम EBITDA मार्जिन को देखने पर यह जस्टिफायड नहीं लगता। यह प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के मुकाबले काफी प्रीमियम वैल्यूएशन है। निवेशक अगर इस कंपनी के शेयरों में निवेश करना चाहते हैं तो वे शेयरों की लिस्टिंग के बाद करेक्शन के मौके का इंतजार कर सकते हैं।