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Deepak Builders & Engineers IPO का प्राइस बैंड फिक्स, दीपक बिल्डर्स का लगातार बढ़ रहा कारोबार

Deepak Builders & Engineers IPO: दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स एक कंस्ट्रक्शन कंपनी है। अब यह आईपीओ ला रही है जिसका प्राइस बैंड फिक्स हो चुका है। 260 करोड़ रुपये का यह आईपीओ अगले हफ्ते 21 अक्टूबर को खुलेगा। इस इश्यू में पैसे लगाने हैं या नहीं, इस पर फैसला लेने से पहले चेक करें कि कंपनी का कारोबार कैसा है, परफॉरमेंस कैसा है और ग्रे मार्केट से कैसे संकेत मिल रहे हैं?

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Oct 16, 2024 पर 10:33 AM
Deepak Builders & Engineers IPO का प्राइस बैंड फिक्स, दीपक बिल्डर्स का लगातार बढ़ रहा कारोबार
Deepak Builders & Engineers ने चार राज्यों- पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड और जो यूनियन टेरिटरीज- चंडीगढ़ और दिल्ली एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और इंफ्रा प्रोजेक्ट्स पूरे किए हैं।

Deepak Builders & Engineers IPO: कंस्ट्रक्शन और इंफ्रा कंपनी दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड फिक्स हो चुका है। 260.04 करोड़ रुपये के इस आईपीओ के तहत ₹192-₹203 के प्राइस बैंड में पैसे लगा सकेंगे। सब्सक्रिप्शन के लिए यह इश्यू अगले हफ्ते 21 अक्टूबर को खुलेगा। ग्रे मार्केट में बात करें तो अभी इसके शेयरों को लेकर खास एक्टिविटी नहीं दिख रही है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।

Deepak Builders IPO की डिटेल्स

दीपक बिल्डर्स एंड इंजीनियर्स का ₹260.04 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 21-23 अक्टूबर के बीच खुला रहेगा। इसके आईपीओ में ₹192-₹203 के प्राइस बैंड और 73 शेयरों के लॉट में पैसे लगा सकेंगे। इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 24 अक्टूबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 28 अक्टूबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार केफिन टेक है।

इस आईपीओ के तहत 217.21 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 21.10 लाख शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कर्ज चुकाने, वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।

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