वॉलमार्ट के मालिकाना हक वाली फ्लिपकार्ट (Flipkart) और फोनपे (PhonePe) के आईपीओ में कुछ साल लग सकते हैं। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वॉलमार्ट के कॉरपोरेट मामलों के एग्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट डैन बार्टलेट ने कंपनी की शेयरधारक बैठक के दौरान कहा कि हम अगले कुछ सालों में इस पर विचार कर रहे हैं। भले ही फ्लिपकार्ट एक अधिक मैच्योर बिजनेस है लेकिन वॉलमार्ट, फ्लिपकार्ट से पहले फोनपे का आईपीओ ला सकती है।
बार्टलेट ने कहा कि भारत में फोनपे सबसे बड़े पेमेंट प्लेटफॉर्म्स में से एक है। सार्वजनिक होने से पहले कई प्रक्रियाओं को लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में आईपीओ लिस्टिंग के लिए भारतीय एक्सचेंज बनाम अन्य एक्सचेंज को लेकर सवाल विचाराधीन है।
फ्लिपकार्ट, फोनपे से वॉलमार्ट को क्या उम्मीदें
वॉलमार्ट के मुख्य वित्तीय अधिकारी ने एक साल पहले एक निवेशक सम्मेलन में कहा था कि भारत में वॉलमार्ट के फ्लिपकार्ट मार्केटप्लेस और फोनपे पेमेंट्स ऑपरेशंस 100 अरब डॉलर का कारोबार हो सकते हैं, जो मजबूत वृद्धि से प्रेरित है। उस समय अधिकारियों ने इन दो कारोबारों को प्रमुख चालक बताया था, जो वॉलमार्ट को 5 वर्षों में विदेशी बाजारों में बेचे जाने वाले ग्रॉस मर्चेंडाइज वॉल्यूम को दोगुना करके 200 अरब डॉलर करने के अपने लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकते हैं। अक्टूबर 2023 में फोनपे ने कहा कि वित्त वर्ष 2023 के लिए उसका कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 77% बढ़ा है। फोनपे के 49 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।
इस साल मई में UPI नेटवर्क ने रिकॉर्ड 14.04 अरब लेनदेन प्रोसेस किए, जो महीने-दर-महीने आधार पर 5.5% अधिक है। इस दौरान फोनपे ने 49% हिस्सेदारी के साथ बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति बनाए रखी। वहीं अल्फाबेट के गूगल पे की हिस्सेदारी 37% रही। मई में कुल UPI लेनदेन में पेटीएम (Paytm) की हिस्सेदारी लगातार चौथे महीने गिर गई और 8.1% रही।