Godavari Biorefineries IPO: केमिकल कंपनी गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। इस आईपीओ के लिए प्राइस बैंड फिक्स हो चुका है। 555 करोड़ रुपये के इस आईपीओ के तहत ₹334-₹352 रुपये के प्राइस बैंड में पैसे लगा सकेंगे। सब्सक्रिप्शन के लिए यह इश्यू अगले हफ्ते 23 अक्टूबर को खुलेगा। हालांकि एंकर निवेशकों के लिए यह 22 अक्टूबर को खुलेगा। ग्रे मार्केट में बात करें तो अभी इसके शेयरों को लेकर खास एक्टिविटी नहीं दिख रही है। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल के आधार पर ही निवेश का फैसला लेना चाहिए।
Godavari Biorefineries IPO की डिटेल्स
गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज का ₹555 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 23-25 अक्टूबर के बीच खुला रहेगा। इसके आईपीओ में ₹334-₹352 के प्राइस बैंड में पैसे लगा सकेंगे। इश्यू का 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB), 15 फीसदी नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स और 35 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित रहेगा। आईपीओ के तहत शेयरों का अलॉटमेंट 28 अक्टूबर को फाइनल होगा। फिर BSE और NSE पर 30 अक्टूबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है। इस आईपीओ के तहत 325 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे। इसके अलावा 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 65,26,983 शेयरों की ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिक्री होगी।
ऑफर फॉर सेल के तहत प्राइवेट इक्विटी फर्म मंडल कैपिटल एजी अपने पूरे 49,26,983 शेयर बेच देगी। इसने 188.91 रुपये के औसत भाव पर शेयर खरीदे थे। ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से 240 करोड़ रुपये से कर्ज चुकाया जाएगा और बाकी पैसों का इस्तेमाल आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा। जून 2024 तक मौजूद डेटा के मुताबिक कंपनी पर 748.9 करोड़ रुपये का कर्ज है।
Godavari Biorefineries की डिटेल्स
वर्ष 1956 में बनी गोदावरी बॉयोरिफाइनरीज एथेनॉल के केमिकल्स बनाती है। जून 2024 तक के डेटा के मुताबिक एथेनॉल बनाने की इसकी क्षमता प्रतिदिन 570 किलोलीटर एथेनॉल बनाने की है। यह दुनिया की उन दो कंपनियों में से एक है जो नेचुरल 1,3-ब्यूटेनडियोल बनाती है और भारत में सिर्फ यही बॉयो एथिल एसीटेट बनाती है। इसके प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में बॉयो-बेस्ड केमिकल्स, शुगर, अलग-अलग प्रकार के एथेनॉल, पावर हैं। इनका इस्तेमाल फूड, बेवरेजेज, फार्मा, फ्लेवर्स और फ्रेगरेंसेज, पावर, फ्यूल, पर्सनल केयर और कॉस्मेटिक्स जैसी इंडस्ट्रीज में होता है। इसके दो मैनुफैक्चरिंग फैसिलिटीज और तीन आरएंडडी फैसिलिटीज हैं। अक्टूबर 2024 तक के आंकड़ों के हिसाब से इसे 18 पेंटेट्स और अलग-अलग देशों में 53 रजिस्ट्रशन हासिल हो चुके हैं। इसके ग्राहक 20 से अधिक देशों में हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2022 में इसे 19.10 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष 2023 में उछलकर 19.64 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि अगले ही वित्त वर्ष 2024 में मुनाफा गिरकर 12.30 करोड़ रुपये पर आ गया। इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू में भी उतार-चढ़ाव रहा। वित्त वर्ष 2022 में इसे 1,709.98 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 में 2,023.08 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ जो वित्त वर्ष 2024 में गिरकर 1,701.06 करोड़ रुपये पर आ गया। वहीं चालू वित्त वर्ष 2024-25 की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2024 में इसे 26.11 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा और 525.27 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ।