Gopal Snacks IPO: स्नैक्स बनाने वाली राजकोट की गोपाल स्नैक्स लिमिटेड ने अपने आईपीओ के लिए प्राइस बैंड की घोषणा कर दी है। 650 करोड़ रुपये के पब्लिक इश्यू के लिए इसे 381-401 रुपये प्रति शेयर रखा गया है। यह आईपीओ 6 मार्च को खुलेगा और एंकर निवेशक 5 मार्च को बोली लगा सकेंगे। आईपीओ की क्लोजिंग 11 मार्च को होगी। गोपाल स्नैक्स लिमिटेड के शेयरों की लिस्टिंग 14 मार्च को की जाएगी। गोपाल स्नैक्स लिमिटेड आईपीओ एक शुद्ध ऑफर-फॉर-सेल (OFS) होगा। इसका मतलब है कि इसमें नए शेयर जारी नहीं होंगे, केवल प्रमोटर्स की ओर से शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा।
इसके चलते OFS से आने वाला पैसा प्रमोटर्स के पास जाएगा। प्रमोटर गोपाल एग्रीप्रोडक्ट्स और बिपिनभाई विट्ठलभाई हडवानी, OFS में 520 करोड़ रुपये और 80 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयर बेचेंगे। बाकी 50 करोड़ रुपये के शेयर हर्ष सुरेशकुमार शाह की ओर से बेचे जाएंगे।
Gopal Snacks Ltd में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी
कंपनी में प्रमोटर्स के पास 93.5 प्रतिशत शेयर हैं। बाकी 6.5 प्रतिशत हिस्सेदारी पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास है। इन शेयरहोल्डर्स में एक्सिस ग्रोथ एवेन्यूज एआईएफ- I और अशोका इंडिया इक्विटी इनवेस्टमेंट ट्रस्ट पीएलसी के पास 1.48-1.48 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इंटेंसिव फिस्कल सर्विसेज, एक्सिस कैपिटल और जेएम फाइनेंशियल इस इश्यू के लिए मर्चेंट बैंकर के रूप में काम करेंगे।
Gopal Snacks IPO के रिजर्व हिस्से की डिटेल
IPO में 50 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और बाकी 35 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व है। साथ ही कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए 3.5 करोड़ रुपये के शेयर रिजर्व कर रखे हैं। कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्से को निकालने के बाद बचे इश्यू को नेट इश्यू माना जाएगा।
कैसी है गोपाल स्नैक्स की वित्तीय स्थिति
गोपाल स्नैक्स लिमिटेड 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में एथनिक स्नैक्स, वेस्टर्न स्नैक्स और अन्य प्रोडक्ट्स की पेशकश करती है। यह गोपाल ब्रांड के तहत अपने प्रोडक्ट्स बेचती है। गोपाल स्नैक्स की वित्तीय स्थिति की बात करें तो वित्त वर्ष 2023 के लिए कंपनी ने 1,394.65 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। इस अवधि में शुद्ध लाभ 112.4 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। वित्त वर्ष 2024 के अप्रैल-सितंबर के दौरान कंपनी का शुद्ध लाभ सालाना आधार पर लगभग 7 प्रतिशत बढ़कर 55.6 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि इस अवधि में ऑपरेशंस से रेवेन्यू 3.3 प्रतिशत गिरकर 676.2 करोड़ रुपये रहा।