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HDB Financial IPO: निवेश के लिए कैसा है एचडीबी फाइनेंशियल का आईपीओ?

HDB Financial एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) है, जो रिटेल कस्टमर्स को लोन देती है। HDFC Bank इसका पेरेंट बैंक है। यह एचडीबी फाइनेंशियल के लिए बड़ी ताकत है। एनबीएफसी को इसका कई तरह से फायदा मिलता है

अपडेटेड Jun 25, 2025 पर 10:01 AM
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यह इश्यू 12,500 करोड़ रुपये का है। इसमें से 2,500 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी किए जाएंग, जबकि 10,000 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के लिए है।

एचडीबी फाइनेंशियल का आईपीओ आज यानी 25 जून को खुल गया है। इस इश्यू में आप 27 जून तक बोली लगा सकते हैं। कंपनी इस इश्यू से 12,500 करोड़ रुपये जुटाने जा रही है। साइज के लिहाज से यह देश के बड़े आईपीओ में से एक है। सवाल है कि क्या आपको इस आईपीओ में इनवेस्ट करना चाहिए?

HDFC Bank की सब्सिडियरी

HDB Financial एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनी (एनबीएफसी) है, जो रिटेल कस्टमर्स को लोन देती है। HDFC Bank इसका पेरेंट बैंक है। यह एचडीबी फाइनेंशियल के लिए बड़ी ताकत है। एनबीएफसी को इसका कई तरह से फायदा मिलता है। हालांकि, एचडीबी फाइनेंशियल अपने कस्टमर्स खुद बनाए हैं। इसका मुकाबला बजाज फाइनेंस जैसी दिग्गज एनबीएफसी से है।


शेयर बजाज फाइनेंस और चोलामंडलम से सस्ते

कंपनी ने आईपीओ में शेयर का प्राइस बैंड 700-740 रुपये रखा है। इस तरह इसकी वैल्यूएशन FY26 के अनुमानित P/ABV की 3 गुना आती है। इस लिहाज से यह स्टॉक Bajaj Finance और Cholamandalam के शेयरों के मुकाबले काफी सस्ता लगता है। इसका मतलब है कि एचडीबी फाइनेंशियल के शेयरों की लिस्टिंग प्रीमियम पर हो सकती है।

एसेट क्वालिटी में बजाज फाइनेंस से पीछे

एचडीबी फाइनेंशियल का रिटर्न ऑन एसेट (RoA) FY25 में 2.2 फीसदी रहा, जबकि रिटर्न ऑन इक्विटी (RoE) 14.7 फीसदी रहा। इस मामले में यह Bajaj Finance और Chola से पीछे है। लेकिन, एसेट क्वालिटी के मामले में एचडीबी फाइनेंशियल Shriram और L&T Finance से बेहतर स्थिति में है। हालांकि, इसका GNPA और NNPA बजाज फाइनेंस से ज्यादा है।

एयूएम कम होने से ग्रोथ की ज्यादा गुंजाइश

साइज की बात की जाए तो एचडीबी फाइनेंशियल का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) बजाज फाइनेंस, श्रीराम और चोलामंडलम से कम है। इसका मतलब है कि एचडीबी के लिए लोअर बेस पर तेज ग्रोथ की संभावना है। यह बात ध्यान रखना जरूरी है कि इस इश्यू के जरिए HDFC Bank अपनी हिस्सेदारी एचडीबी फाइनेंशियल में बेच रहा है।

सिर्फ 2,500 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे

यह इश्यू 12,500 करोड़ रुपये का है। इसमें से 2,500 करोड़ रुपये मूल्य के नए शेयर जारी किए जाएंग, जबकि 10,000 करोड़ रुपये के शेयर ऑफर फॉर सेल (OFS) के लिए है। अभी एचडीबी फाइनेंशियल में HDFC Bank की 94.3 फीसदी हिस्सेदारी है, जो इश्यू के बाद घटकर 75 फीसदी से कम रह जाएगी।

35 फीसदी शेयर रिटेल कस्टमर्स के लिए रिजर्व

एचडीबी फाइनेंशियल के इश्यू में 50 फीसदी शेयर क्वालिफायड इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स, 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल बिडर्स और 35 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखे गए हैं। इश्यू के बाद कंपनी की वैल्यूएशन करीब 62,000 करोड़ रुपये होगी। इश्यू से हासिल रकम (2,500 करोड़) का इस्तेमाल कंपनी अपने टियर 1 पूंजी को बढ़ाने के लिए करेगी।

2 जुलाई को BSE-NSE पर लिस्ट होंगे शेयर

इस इश्यू में आप इनवेस्ट करते हैं तो 30 जून तक आपको शेयरों का एलॉटमेंट हो जाने की उम्मीद है। कंपनी के शेयर BSE और NSE दोनों एक्सचेंजों में लिस्ट होंगे। शेयरों की लिस्टिंग 2 जुलाई को होने की उम्मीद है। यह बात ध्यान में रखना जरूरी है कि आपको कम से कम एक लॉट के लिए बोली लगानी होगी। एक लॉट 20 शेयरों का है।

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क्या आपको इनवेस्ट करना चाहिए?

SBI Securities ने एचडीबी फाइनेंशियल के आईपीओ में निवेश करने की सलाह दी है। उसने कहा है कि इस एनबीएफसी को बहुत मजबूत बैंक का सपोर्ट हासिल है। इसका ब्रांड काफी स्ट्रॉन्ग है। Arihant Capital ने भी इस इश्यू में निवेश करने की सलाह दी है। लेकिन, उसने कहा है कि निवेशकों को अपना नजरिया लंबी अवधि का रखना होगा। Centrum Broking ने भी इस आईपीओ में इनवेस्ट करने की सलाह दी है।

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