आप भी फटाफट कमाई के लिए आईपीओ में इनवेस्ट करते हैं तो ये बातें आपको जरूर जान लेनी चाहिए

कई निवेशक आईपीओ में सिर्फ इस उम्मीद में निवेश करते हैं कि लिस्टिंग पर उन्हें मोटी कमाई होगी। इसका सीधा असर आईपीओ के सब्सक्रिप्शन पर पड़ा है। आईपीओ एक गुना, दो गुना नहीं बल्कि कई गुना सब्सक्राइब हो रहे हैं

अपडेटेड Sep 25, 2025 पर 8:28 PM
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इसमें संदेह नहीं कि कुछ आईपीओ के निवेशकों को अच्छी लिस्टिंग गेंस होती है। लेकिन, इसका सबसे ज्यादा फायदा संस्थागत निवेशकों या हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स को होता है।

पिछले कुछ सालों में आईपीओ को फटाफट कमाई का जरिया समझने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। कई निवेशक तो आईपीओ में सिर्फ इस उम्मीद में निवेश करते हैं कि लिस्टिंग पर उन्हें मोटी कमाई होगी। इसका सीधा असर आईपीओ के सब्सक्रिप्शन पर पड़ा है। आईपीओ एक गुना, दो गुना नहीं बल्कि कई गुना सब्सक्राइब हो रहे हैं। निवेशकों को लगता है कि अगर उन्होंने आईपीओ में निवेश नहीं किया तो पैसा फटाफट डबल करने का मौका उनके हाथ से निकल जाएगा। लेकिन, डेटा बताते हैं कि ज्यादातर निवेशकों की फटाफाट कमाई की उम्मीद पूरी नहीं होती है।

लिस्टिंग गेंस का ज्यादा फायदा संस्थागत निवेशकों को 

इसमें संदेह नहीं कि कुछ आईपीओ के निवेशकों को अच्छी लिस्टिंग गेंस होती है। लेकिन, इसका सबसे ज्यादा फायदा संस्थागत निवेशकों या हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स को होता है। इसकी वजह यह है कि उन्हें रिटेल इनवेस्टर्स के मुकाबले ज्यादा शेयर्स एलॉट होते हैं। रिटेल इनवेस्टर्स को काफी कम शेयर एलॉट होते हैं। कई रिटेल निवेशक को शेयर एलॉट नहीं होने पर सेकेंडरी मार्केट से उन्हें खरीदते हैं जब कीमतें काफी चढ़ गई होती हैं।


इनवेस्टर्स निवेश से पहले कंपनी के फंडामेंटल्स नहीं देखते

कई आईपीओ में लिस्टिंग के दिन तो शेयरों में तेजी दिखती हैं, लेकिन कुछ ही हफ्तों के अंदर शेयरों की कीमतें गिर जाती हैं। चूंकि ज्यादातर रिटेल इनवेस्टर्स दूसरों को देख शेयरों में निवेश करते हैं, जिससे उन्हें आईपीओ के शेयरों को लेकर स्पष्ट स्ट्रेटेजी नहीं होती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि ऐसे ज्यादातर इनवेस्टर्स निवेश का फैसला कंपनी के बिजनेस और और उसकी ग्रोथ की संभावनाओं के आधार पर नहीं लेते है।

इनवेस्टर्स पर मीडिया में आईपीओ से जुड़ी चर्चा का असर 

किसी कंपनी के आईपीओ को लेकर मीडिया में होने वाली चर्चा के बीच कंपनी के फंडामेंटल्स छुप जाते हैं। बहुत कम इनवेस्टर्स आईपीओ में निवेश से पहले कंपनी की बुनियादी स्थिति को लेकर रिसर्च करते हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर किसी कंपनी के शेयरों की लिस्टिंग अच्छे गेंस के साथ हो जाती है तो भी इसके कंपनी के अच्छे प्रदर्शन का संकेत नहीं माना जा सकता। कई कंपनियों के शेयर लॉस में लिस्ट होते हैं लेकिन कुछ महीनों या सालों में शानदार तेजी दिखाते हैं।

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आईपीओ पर दांव लगाने से पहले खुद से पूछे ये सवाल

अगर आप भी फटाफट कमाई के लिए आईपीओ में पैसे लगाते हैं तो आप खुद से यह पूछ सकते हैं कि इससे अब तक आपने कितनी कमाई की है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इनवेस्टर्स को निवेश से पहले कंपनी के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस को समझने की कोशिश करनी चाहिए। उसके बिजनेस को समझना चाहिए। उसके मैनेजमेंट पर गौर करना चाहिए। उसके कर्ज के अमाउंट के बारे में पता करना चाहिए। और सबसे जरूरी यह देखना चाहिए कंपनी जिस भाव पर शेयर बेच रही है, वह सही है। इन सवालों का जवाब तलाशने से आपको खुद पता चल जाएगा कि किस कंपनी के शेयर को लेकर आपकी किस तरह की स्ट्रेटेजी होनी चाहिए।

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