यह पहली बार नहीं है जब आईपीओ मार्केट में इनवेस्टर्स काफी दिलचस्पी दिखा रहे हैं। 2004 और उसके बाद के सालों में भी आईपीओ बाजार में खूब रौनक था। यह 2008 में मार्केट क्रैश करने तक जारी रहा। उसके बाद 2015 और उसके बाद के सालों में निवेशकों ने आईपीओ में खूब पैसे लगाए। एक बार फिर, पिछले साल से आईपीओ मार्केट गुलजार है। पिछले कुछ समय से आईपीओ जिस तरह से कई गुना सब्सक्राइब हो रहे हैं, उससे ऐसा लगता है कि निवेशक इसे फटाफट कमाई का जरिया मानने लगे हैं। सच यह है कि किसी आईपीओ में निवेश से पहले आपको खुद से तीन सवाल पूछने चाहिए।
आईपीओ में किस वजह से निवेश कर रहे हैं?
एक परिचित महिला ने Mamaearth के आईपीओ के वक्त मुझे बताया था कि वह इसलिए इस आईपीओ (IPO) में निवेश कर रही है, क्योंकि वह इस कंपनी के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रही है और उसे ये प्रोडक्ट्स अच्छे लगते हैं। क्या यह आईपीओ में निवेश करने की सही वजह है? दरअसल किसी कंपनी का ग्राहक (Customer) होने और निवेशक (Investor) होने में काफी फर्क है। ज्यादातर निवेशक दूसरों को देख आईपीओ या किसी दूसरे इश्यू में पैसे लगाते हैं। ऐसा 1999-2000 के टेक्नोलॉजी बूम के दौरान भी देखने को मिला था। जिस कंपनी के नाम में 'डॉटकॉम' लगा होता था, उस पर निवेशक टूट पड़ते थे। आज उनमें से ज्यादातर कंपनियां गायब हो चुकी हैं।
क्या आपने कंपनी के बैकग्राउंड के बारे में रिसर्च किया है?
क्या आपने कंपनी के बिजनेस मॉडल के बारे में रिसर्च किया है? क्या आपने कंपनी की ग्रोथ की संभावनाओं का अंदाजा लगाया है, क्या आपने कंपनी के कैश फ्लो और फाइनेंशियल स्टैबिलिटी की पड़ताल की है, क्या आपने पता किया है कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों से यह कंपनी किस मायने में बेहतर है? क्या उसके मैनजमेंट और प्रमोटर के बारे में जानकारी हासिल की है? ऐसे कई सवाल है जिनका जवाब जानना किसी आईपीओ में निवेश करने से पहले जरूरी है।
आपको यह समझने की जरूरत है कि बुल मार्केट में ज्यादा आईपीओ आते हैं। इससे कंपनी के निवेशकों को अच्छी कीमत पर अपने शेयर या हिस्सेदारी बेचने का मौका मिलता है। कई बार निवेशक शेयर की अनापशनाप कीमत चुकाने को तैयार रहते हैं। प्रमोटर इस मौके का फायदा उठाते हैं। यह सोचना कि कंपनी आईपीओ में सस्ते प्राइस पर शेयर बेच रही है, बेवकूफी है।
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क्या आप बेचने के लिए शेयर खरीद रहे हैं?
लिस्टिंग के दिन शेयरों को बेच देना आम बात है। नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NIIs) ऐसा सबसे ज्यादा करते हैं। वे आम तौर पर आईपीओ में 2 लाख रुपये से ज्यादा निवेश करेत हैं। चूंकि ये निवेशक कर्ज लेकर आईपीओ में पैसे लगाते हैं, जिससे लिस्टिंग के दिन उनके शेयर बेचने की संभावना ज्यादा होती है। लिस्टिंग के पहले हफ्ते में 60 फीसदी से ज्यादा एनआईआई और 40 फीसदी रिटेल इनवेस्टर्स शेयर बेच देते हैं। इस उम्मीद के साथ शेयरों में निवेश करना कि शेयर की लिस्टिंग प्रीमियम पर होगी, जुआ खेलने जैसा है। इसमें काफी ज्यादा रिस्क है। Synoptics Technologies SME IPO इसका उदाहरण है। जुलाई 2023 में यह स्टॉक करीब 238 रुपये पर फ्लैट लिस्ट हुआ था। आज इसका प्राइस काफी गिर चुका है। सच यह है कि अगर आपको कोई शेयर अच्छा लगता है तो उसकी सही कीमत चुकाएं और उसे अपने पास रखें। यह ध्यान रखें कि निवेश का मतलब मार्केट में पैसे गंवाना नहीं है।