Kaka Industries IPO: काका इंडस्ट्रीज के शेयरों की घरेलू मार्केट में एंट्री होने वाली है। इस प्रक्रिया के तहत आज इसका आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है। इस आईपीओ के तहत सिर्फ नए शेयर जारी होंगे। ग्रे मार्केट की बात करें तो इसके शेयर 50 रुपये की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) यानी आईपीओ के प्राइस बैंड के अपर प्राइस से करीब 85 फीसदी प्रीमियम पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फंडामेंटल्स और फाइनेंशियल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए। इस इश्यू के तहत 21.23 करोड़ रुपये के शेयर जारी होंगे। एंकर निवेशकों से यह 6.02 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। एंकर निवेशकों को इसके शेयर 58 रुपये के भाव पर जारी हुए हैं।
Kaka Industries IPO की डिटेल्स
काका इंडस्ट्रीज के 21.23 करोड़ रुपये के आईपीओ के तहत 10 रुपये की फेस वैल्यू वाले 36.60 लाख इक्विटी शेयर जारी होंगे। यह इश्यू सब्सक्रिप्शन के लिए 12 जुलाई तक खुला रहेगा। इस आईपीओ में 55-58 रुपये के प्राइस बैंड और 2000 शेयरों के लॉट में बोली लगा सकते हैं। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों अलॉटमेंट 17 जुलाई को फाइनल होगा और बीएसई के एसएमई प्लेटफॉर्म BSE SME पर 20 जुलाई को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है। आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों से कर्ज चुकाएगी। इसका अलावा इन पैसों का इस्तेमाल वर्किंग कैपिटल की जरूरतों को पूरा करने, आईपीओ के खर्चों और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा।
Kaka Industries की डिटेल्स
पीवीसी दरवाजे, पीवीसी किचन कैबिनेट और फर्नीचर, यूपीवीसी विंडोज प्रोफाइल और वुड पॉलीमर कंपोजिट बनाने वाली काका इंडस्ट्रीज करीब चार साल पहले 2019 में खुली थी। इसके गुजरात के गांधीनगर जिले के जाक गांव में तीन मैनुफैक्चरिंग प्लांट्स हैं जिनकी कुल क्षमता 15,425 मीट्रिक टन पीवीसी प्रोफाइल, 2,995 मीट्रिक टन वुड पॉलीमर कंपोजिट प्रोफाइल और शीट, 2,022 मीट्रिक टन यूपीवीसी डोर और विंडो प्रोफाइल बनाने की है। इसके डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क में तेलंगाना के गगीलपुर, यूपी के दादरी और गुजरात के सूरत में डिपो हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो यह लगातार मजबूत हुई है। वित्त वर्ष 2020 में 1.41 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था जो अगले वित्त वर्ष बढ़कर 3.02 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 4.98 करोड़ रुपये और फिर वित्त वर्ष 2022-23 में उछलकर 7.18 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।