Cyient DLM IPO Listing: इस साल 81 फीसदी से अधिक रिटर्न देने वाली Cyient की सब्सिडियरी Cyient DLM की आज घरेलू मार्केट में शानदार एंट्री हुई। खुदरा निवेशकों ने इसके आईपीओ में जमकर पैसे लगाए थे और उनके लिए इश्यू का आरक्षित हिस्सा 52.17 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इस इश्यू के तहत 265 रुपये के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज इसकी बीएसई और एनएसई पर 401 रुपये के भाव पर एंट्री हुई यानी आईपीओ निवेशकों को 51 फीसदी लिस्टिंग गेन मिला। लिस्टिंग के बाद भी शेयरों की तेजी नहीं थमी और बीएसई पर 426.45 रुपये के भाव (Cyient DLM) पर पहुंच गए। हालांकि फिर मुनाफावसूली के चलते भाव में नरमी आई और दिन के आखिरी में यह 420.75 रुपये (Cyient DLM Share Price) पर बंद हुआ है यानी कि आईपीओ निवेशक 59 फीसदी फायदे में हैं। ध्यान दें कि एंप्लॉयीज को 15 रुपये डिस्काउंट पर शेयर मिले हैं यानी वे और मुनाफे में हं।
Cyient DLM IPO में खुदरा निवेशकों ने जमकर लगाए थे पैसे
इसका 592 करोड़ रुपये का आईपीओ 27 जून-30 जून के बीच सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था। आईपीओ को लेकर कितना क्रेज था, इसका अंदाजा इससे लगा सकते हैं कि खुदरा निवेशकों का आरक्षित हिस्सा 52.17 गुना सब्सक्राइब हुआ तो क्वालिफाई इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा 95.87 गुना और नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स का हिस्सा 47.75 गुना। एंप्लॉयीज का हिस्सा 2.60 गुना सब्सक्राइब हुआ था। ओवरऑल यह इश्यू 71.35 गुना सब्सक्राइब हुआ।
इश्यू के तहत सभी नए शेयर जारी हुए हैं। इसके जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी वर्किंग कैपिटल की बढ़ी हुई जरूरतों को पूरा करने (291 करोड़ रुपये), कैपिटल एक्सपेंडिचर की फंडिंग (43.57 करोड़ रुपये), कर्ज चुकाने (160,9 करोड़ रुपये), अधिग्रहण (70 करोड़ रुपये) और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में करेगी।
Cyient DLM के बारे में डिटेल्स
यह कंपनी एयरोस्पेस, डिफेंस, मेडिकल टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स की ग्लोबल ओईएम (ओरिजिनल इक्विपमेंट मैनुफैक्चरर्स) को बिल्ड-टू-प्रिंट (B2P) और बिल्ड-टू-स्पेशिफिकेशन (B2S) जैसी कांट्रैक्ट मैनुफैक्चरिंग सर्विसेज मुहैया कराती है। इस कांट्रैक्ट के तहत यह प्रिंटेड सर्किट बोर्ड एसेंबली (PCBA), केबल हार्नेसेज के साथ-साथ कॉकपिट्स, इन-फ्लाइट सिस्टम्स, लैंडिंग सिस्टम्स और मेडिकल डायग्नोस्टिक इक्विपमेंट जैसे क्रिटिकल सेफ्टी सिस्टम्स में इस्तेमाल होने वाले बॉक्स बिल्ड्स सप्लाई करती है। हनीवेल इंटरनेशनल, थेल्स ग्लोबल सर्विसेज एसएएस, एबीबी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और मोल्बिओ डायग्नोस्टिक्स के साथ इसकी लंबे समय से कारोबारी संबंध हैं। इसके मैसूर, हैदराबाद और बेंगलुरु में तीन प्लांट्स हैं।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो वित्त वर्ष 2020 में इसे 6.70 करोड़ रुपये का नेट लॉस हुआ था लेकिन अगले ही वित्त वर्ष इसे 11.81 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ। इसके बाद वित्त वर्ष 2022 में इसे 39.80 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ लेकिन अगले ही वित्त वर्ष 2023 में यह घटकर 31.73 करोड़ रुपये पर आ गया। हालांकि वित्त वर्ष 2023 में इसका रेवेन्यू सालाना आधार पर 15 फीसदी बढ़कर 838.34 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके रेवेन्यू में एयरोस्पेस की 20 फीसदी, डिफेंस की 37.6 फीसदी, मेडिकल टेक्नोलॉजी की 16.3 फीसदी और इंडस्ट्रियल सेगमेंट की 25 फीसदी हिस्सेदारी है। मार्च 2023 के आंकड़ों के मुताबिक इसके टॉप-10 ग्राहकों से इसे 91.08 फीसदी रेवेन्यू मिलता है।