LG Electronics India IPO: एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड का 11607 करोड़ रुपये का पब्लिक इश्यू 7 अक्टूबर को खुलने जा रहा है। एंकर निवेशक 6 अक्टूबर को बोली लगा सकेंगे। IPO 9 अक्टूबर को बंद होगा, जिसके बाद शेयरों की लिस्टिंग BSE, NSE पर 14 अक्टूबर को होगी। इस IPO के लिए प्राइस बैंड 1080-1140 रुपये प्रति शेयर तय किया गया है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया, साउथ कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स की इंडिया यूनिट है।
LG की ओर से रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जमा किए गए रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) में इस IPO की डिटेल के साथ-साथ रिस्क फैक्टर्स का भी जिक्र किया गया है। उनमें से कुछ इस तरह हैं...
IPO का पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होना
LG Electronics India IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होगा। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स 10.18 करोड़ शेयर बेचेगी। यह लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी के बराबर है। नए शेयर जारी नहीं होने के चलते एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया को IPO से कोई पैसा हासिल नहीं होगा। जुटाया गया अमाउंट पेरेंट कंपनी एलजी के पास जाएगा।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया हर साल अपनी कुल बिक्री का एक हिस्सा पेरेंट कंपनी एलजी को रॉयल्टी के तौर पर देती है। वित्त वर्ष 2023 में रॉयल्टी का प्रतिशत 1.63% था, जो वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 1.89% हो गया। लेकिन तब से यह स्थिर बना हुआ है। जून तिमाही में, कंपनी ने एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंक को कुल रेवेन्यू का 1.88% रॉयल्टी के तौर पर दिया। कंपनी ने अपने RHP में कहा है कि प्रमोटर द्वारा ली जाने वाली रॉयल्टी में बढ़ोतरी के लिए शेयरहोल्डर्स की मंजूरी जरूरी नहीं होगी। साथ ही इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि बढ़ोतरी नहीं होगी। हालांकि यह रॉयल्टी सालाना रेवेन्यू के 5% से अधिक नहीं होगी।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने कहा है, "लाइसेंस समझौते के तहत या किसी और वजह से हमारे द्वारा अपने प्रमोटर को किए गए रॉयल्टी पेमेंट पर रेगुलेटरी जांच या कार्रवाई हो सकती है। इस रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस की तारीख तक, हमारे प्रमोटर को रॉयल्टी पेमेंट को लेकर हमारी ₹315.3 करोड़ की आकस्मिक देनदारी है।"
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के भारत के कंज्यूमर ड्यूरेबल्स मार्केट में हैवेल्स, वोल्टास, गोदरेज, ब्लू स्टार, व्हर्लपूल, फिलिप्स जैसे कॉम्पिटीटर हैं। चीनी कंपनियों से भी इसका कॉम्पिटीशन है। कंपनी अत्यधिक प्रतिस्पर्धी, प्राइस-सेंसिटिव और तेजी से विकसित हो रहे होम अप्लायंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स मार्केट में सफलतापूर्वक कॉम्पिटीशन नहीं कर सकती है। इसे अब ऑनलाइन कंपनियों से भी कड़ी टक्कर मिल रही है। इससे ऑपरेशंस पर निगेटिव असर पड़ रहा है।
प्रमोटर कंपनी की ओर से हिस्सेदारी बेचे जाने के बावजूद, कंपनी में उसकी 85% हिस्सेदारी बनी रहेगी। इसके चलते फ्री फ्लोट का अभाव होगा। लेकिन क्योंकि यह IPO बड़े पब्लिक इश्यू की कैटेगरी में आता है, इसलिए कंपनी में हिस्सेदारी कम करने और मिनिमम शेयरहोल्डिंग नियमों का पालन करने के लिए 5 साल का वक्त होगा।
LX Pantos पर भारी निर्भरता
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया घरेलू बाजार के साथ-साथ निर्यात के लिए भी ट्रांसपोर्टेशन सर्विसेज के लिए थर्ड पार्टीज पर बहुत अधिक निर्भर है। RHP के अनुसार, यह वेयरहाउसिंग के मैनेजमेंट और थर्ड पार्टीज के साथ सहयोग के लिए मुख्य रूप से अपने लॉजिस्टिक्स पार्टनर एलएक्स पैंटोस सॉल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और एलएक्स पैंटोस समूह की अन्य कंपनियों पर निर्भर है। वक्त पर सर्विस देने में इनकी ओर से कोई भी विफलता कंपनी के ऑपरेशंस पर निगेटिव इंपैक्ट डाल सकती है।
LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया होम अप्लायंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स में एक दिग्गज कंपनी है। इसके प्रोडक्ट भारत और विदेशों में B2C और B2B दोनों तरह के ग्राहकों को बेचे जाते हैं। यह अपने सभी प्रोडक्ट्स के लिए इंस्टॉलेशन, रिपेयर और मेंटेनेंस सर्विसेज भी देती है। इसके प्रोडक्ट्स में वॉशिंग मशीन, रेफ्रिजरेटर, LED TV पैनल, इन्वर्टर, एयर कंडीशनर, माइक्रोवेव आदि शामिल हैं। IPO के लिए एक्सिस कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल, मॉर्गन स्टेनली इंडिया, जेपी मॉर्गन और BofA Securities बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं।
Disclaimer: यहां मुहैया जानकारी सिर्फ सूचना के लिए दी जा रही है। यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है। निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें। मनीकंट्रोल की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है।