LIC IPO : एलआईसी की प्रतिस्पर्धी कंपनियां वर्तमान में अपनी एक साल आगे की एम्बेडेड वैल्यू से 2-3.3 गुने पर ट्रेड कर रहे हैं। यूबीएस (UBS) की राय में, निजी कंपनियों का यह डिस्काउंट LIC के पारंपरिक सेविंग हैवी बिजनेस मिक्स, लोअर ऑपरेटिंग लीवरेज, एजेंसी चैनल पर ज्यादा निर्भरता और सरकार के स्वामित्व वाली उसकी स्थिति की वजह से है।
94,000 करोड़ रुपये तक पूंजी जुटा सकती है सरकार
LIC ने सेबी के पास 13 फरवरी को बहुप्रतीक्षित ड्राफ्ट रेड हेयरिंग प्रॉस्पेक्टस (DRHP) जमा कर दिया था। IPO के तहत सरकार लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की लगभग 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की योजना पर काम कर रही है।
मनीकंट्रोल के एक एनालिसिस से पता चलता है कि सरकार IPO से 53,000 करोड़ से 94,000 करोड़ रुपये के बीच पूंजी जुटा सकती है, जिससे उसे वर्तमान वित्त वर्ष के लिए अपने 78,000 करोड़ रुपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
बढ़ रही है शेयरहोल्डर्स की दिलचस्पी
बाजार की अटकलों से पता चलता है कि IPO की कीमत 2,000-2,100 रुपये प्रति शेयर के आसपास हो सकती है, जिससे LIC का मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 13.3 लाख करोड़ रुपये हो जाएगा। इस वैल्युएशन पर, LIC अपनी सूचित एम्बेडेट वैल्यू की तुलना में 2.5 गुने पर ट्रेड करेगा। लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने अपनी एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये तय की है, जिसे देखते हुए यूबीएस सिक्योरिटीज ने कहा कि नॉन पार्टिसिपेशन फंड्स में शेयरहोल्डर्स की दिलचस्पी 100 फीसदी तक बढ़ रही है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा, “डिस्ट्रीब्यूशन प्रॉफिट्स में बदलाव के बिना समानता के आधार पर, एम्बेडेड वैल्यू 1.25 लाख करोड़ रुपये होती।”
निजी कंपनियों को भी मिलेगा लिस्टिंग का फायदा
यूबीएस सिक्योरिटीज को उम्मीद है कि LIC की लिस्टिंग का बाहरी पहलुओं के आधार पर सकारात्मक असर होगा, क्योंकि इससे जागरूकता बढ़ेगी और इसका फायदा निजी कंपनियों को भी मिल सकता है। ब्रोकरेज को उम्मीद है कि भारतीयों के लिए सेविंग का साधन बने रहने की उसकी नीति को देखते हुए एलआईसी अपने प्रोडक्ट मिक्स में प्रोटेक्शन प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाएगी।
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