MobiKwik IPO: दिग्गज पेमेंट सर्विस कंपनी मोबीक्विक (MobiKwik) एक बार फिर आईपीओ लाने की योजना बना रही है। हालांकि अभी इसमें साल-डेढ़ साल का समय लग सकता है। मनीकंट्रोल को यह जानकारी कंपनी की को-फाउंडर और सीओओ उपासना टाकू ने मंगलवार को दी। इससे पहले बाजार नियामक SEBI से इसे आईपीओ लाने की मंजूरी मिल गई थी लेकिन कंपनी ने नहीं लाया था और अब फिर इसे लाने की योजना है। कंपनी की को-फाउंडर का कहना है कि पहले आईपीओ के लिए इसी महीने मार्च 2023 में अप्लाई करने की योजना थी लेकिन कुछ वजहों से ऐसा नहीं हो सका। उन्होंने अब इसे 12-18 महीने में लाने की बात कही है लेकिन इस बार आईपीओ का साइज कम रखने की बात कही है।
पिछले साल नवंबर में लैप्स हो गई थी सेबी की मंजूरी
मोबीक्विक के आईपीओ के लिए करीब दो साल पहले जुलाई 2021 में आईपीओ के लिए आवेदन किया था। 1900 करोड़ रुपये के इस इश्यू के तहत 1500 करोड़ रुपये के नए शेयर और 400 करोड़ रुपये के शेयरों की ऑफर फॉर सेल (OFS) विंडो के तहत बिक्री की योजना थी। सेबी ने 7 अक्टूबर 2021 को इसे मंजूरी भी दे दी। हालांकि मोबीक्विक आईपीओ लेकर नहीं आई और पिछले साल नवंबर 2022 में सेबी के मंजूरी की मियाद खत्म हो गई यानी कि अब आईपीओ लाने के लिए इसे फिर से आवेदन करना होगा।
मंजूरी के बावजूद MobiKwik क्यों नहीं लेकर आई IPO
मोबीक्विक ने मंजूरी के बावजूद पिछले साल आईपीओ इसलिए नहीं लाया क्योंकि पेटीएम का आईपीओ बुरी तरह से फेल हो गया और पेटीएम के आईपीओ निवेशक आज तक फायदे में नहीं आ पाए हैं। सेबी रजिस्टर्ड कंपनी Stratzy के हेड ऑफ इनवेस्टमेंट्स प्रशांत बरवालिया के मुताबिक पेटीएम के फेल होने की वजह से मोबीक्विक आईपीओ लेकर नहीं आई। आईपीओ लाने की योजना खारिज करने के बाद जुलाई 2022 में उपासना ने कहा था कि वन मोबीक्विक सिस्टम्स 10 करोड़ डॉलर जुटाने के लिए बातचीत कर रही है।
क्या मोबीक्विक फायदे में है?
मोबीक्विक की को-फाउंडर उपासना का कहना है कि छोटे शहरों में इसे बड़ी संख्या में लोग डाउनलोड कर रहे हैं और यह एक मुनाफे वाली कंपनी है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी का कंसालिडडेटेड घाटा 15 फीसदी बढ़कर 128 करोड़ रुपये पर पहुंच गया लेकिन उपासना का दावा है कि वित्त वर्ष 2023 में कम से कम एक तिमाही और वित्त वर्ष 2024 में इसके मुनाफे में लौटने की पूरी संभावना है।