Ola Electric IPO: कमाई, बैंक बैलेंस और सेल्स का क्या है आंकड़ा; पब्लिक इश्यू से मिले पैसों का कहां करेगी इस्तेमाल
देश में पहली बार किसी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी की ओर से IPO लाने के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए गए हैं। Ola Electric भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मेकर है। बड़े निवेशकों में जापान का सॉफ्टबैंक और सिंगापुर की Temasek शामिल हैं। पेरेंट कंपनी ANI Technologies है, जो Ola Cabs भी चलाती है। कंपनी के फाउंडर व सीईओ भाविश अग्रवाल हैं
ओला इलेक्ट्रिक 2024 की शुरुआत में ही अपना पब्लिक इश्यू ला सकती है।
Ola Electric IPO: इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने वाली ओला इलेक्ट्रिक के पब्लिक इश्यू को लेकर हर तरफ चर्चा है। इस इश्यू का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। यह इंतजार जल्द ही खत्म होने वाला है क्योंकि कंपनी ने मार्केट रेगुलेटर सेबी को IPO लाने के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा कर दिए हैं। अगर सब कुछ सही रहा तो जल्द ही इसे मंजूरी मिल जाएगी और यह निवेश के लिए खोला जाएगा। देश में पहली बार किसी इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी की ओर से IPO लाने के लिए ड्राफ्ट पेपर जमा किए गए हैं। Ola Electric Mobility की पेरेंट कंपनी ANI Technologies है, जो Ola Cabs भी चलाती है। कंपनी के फाउंडर व सीईओ भाविश अग्रवाल हैं।
ओला इलेक्ट्रिक भारत की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक टूव्हीलर मेकर है। इसकी वैल्यूएशन सितंबर 2023 में करीब 5.4 अरब डॉलर आंकी गई थी। आइए डालते हैं एक नजर ओला इलेक्ट्रिक की कमाई, बैंक बैलेंस और लंबित मुकदमों समेत IPO से जुड़े कुछ खास फैक्ट्स पर...
कैसी है वित्तीय स्थिति
ओला इलेक्ट्रिक के बड़े निवेशकों में जापान का सॉफ्टबैंक और सिंगापुर की Temasek शामिल हैं। सेबी को जमा किए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स (DRHP) के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023 में कंपनी का ऑपरेशंस से रेवेन्यू बढ़कर 2,630.93 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 373.42 करोड़ रुपये था। जून 2023 तिमाही में ओला इलेक्ट्रिक का ऑपरेशंस से रेवेन्यू 1,242.75 करोड़ रुपये रहा। कंपनी का शुद्ध घाटा FY23 में लगभग दोगुना होकर 1472 करोड़ रुपये हो गया। FY22 में यह 784.1 करोड़ रुपये था।
बैंक बैलेंस
30 जून 2023 तक ओला इलेक्ट्रिक के पास 231.7 करोड़ रुपये कैश और कैश इक्विलेंट्स के रूप में थे। साथ ही 908.4 करोड़ रुपये का बैंक बैलेंस था। फर्म पर कुल 161.6 करोड़ रुपये का उधार भी था, जिसमें नॉन-करेंट बॉरोइंग्स और करेंट बॉरोइंग्स शामिल थे। इन लोन्स का इस्तेमाल मुख्य रूप से मैन्युफैक्चरिंग प्लांट लगाने और वर्किंग कैपिटल जरूरतों को पूरा करने के लिए किया गया था।
कैसी है सेल्स
नवंबर 2023 में ओला इलेक्ट्रिक ने 30,000 यूनिट्स की बिक्री की। यह कंपनी की अब तक की सबसे अधिक बिक्री है। इसकी बाजार हिस्सेदारी 35% हो चुकी है। कंपनी ने अपना पहला इलेक्ट्रिक स्कूटर अगस्त 2021 में लॉन्च किया था और दिसंबर 2021 से इसकी डिलीवरी शुरू की। दिसंबर 2021 के बाद से कंपनी ने 300,000 से अधिक इलेक्ट्रिक व्हीकल बेचे हैं। अभी इसके पोर्टफोलियो में 5 स्कूटर हैं।
ओला इलेक्ट्रिक 2024 की शुरुआत में ही अपना पब्लिक इश्यू ला सकती है। कंपनी की नजर अगले साल 7-8 अरब डॉलर की वैल्यूएशन पर है। IPO की मदद से ओला इलेक्ट्रिक का प्लान 7,250 करोड़ रुपये जुटाने का है।
किस तरह का होगा इश्यू
ओला इलेक्ट्रिक IPO में नए शेयरों को जारी किए जाने के साथ-साथ ऑफर फॉर सेल (OFS) भी रहेगा। नए शेयरों को जारी कर 5,500 करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे, जबकि ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से 1,750 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री की जाएगी। DRHP की डिटेल्स के अनुसार, OFS में 10 रुपये फेस वैल्यू के 95,191,195 इक्विटी शेयरों की पेशकश की जाएगी।
OFS में कौन बेचेगा शेयर
OFS में ओला इलेक्ट्रिक के फाउंडर भाविश अग्रवाल की ओर से लगभग 4.74 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखा जाएगा। सॉफ्टबैंक, 2.39 करोड़ शेयरों को बिक्री के लिए रखेगा। इसके अलावा, टेमासेक, टाइगर ग्लोबल, अल्फा वेव, Tekne Private Ventures XV, Matrix पार्टनर्स इंडिया इनवेस्टमेंट्स, इंडस ट्रस्ट, Kaha Wave Ventures, एल्पाइन अपॉर्च्युनिटी फंड, DIG Investment Internet Fund, MacRitchie Investments, SVF II Ostrich जैसे Ola Electric के मौजूदा निवेशक भी OFS में शेयरों को बिक्री के लिए रखेंगे।
IPO के पैसों का कहां होगा इस्तेमाल
ओला इलेक्ट्रिक IPO में नए शेयरों को जारी करके आने वाले पैसों का इस्तेमाल इस तरह होगा...
- ₹1,226.4 करोड़ ओला सेल टेक्नोलॉजीस के गीगाफैक्ट्री प्रोजेक्ट के लिए खर्च होंगे।
- ₹1,600 करोड़ रिसर्च और डेवलपमेंट पर खर्च होंगे।
- ₹350 करोड़ ऑर्गेनिक ग्रोथ पहलों और सामान्य कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च किए जाएंगे।
- ₹800 करोड़ का इस्तेमाल Ola Electric Technologies के कर्ज चुकाने में किया जाएगा।
कितना हिस्सा रिजर्व
ओला इलेक्ट्रिक IPO में 75 प्रतिशत हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs) के लिए, 15 प्रतिशत हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स के लिए और 10 प्रतिशत हिस्सा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए रिजर्व रखा गया है।
ओला इलेक्ट्रिक इश्यू के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, BofA सिक्योरिटीज इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज, एक्सिस कैपिटल, ICICI सिक्योरिटीज, SBI कैपिटल मार्केट्स और BOB कैपिटल मार्केट्स, बुक रनिंग लीड मैनेजर हैं। IPO के लिए रजिस्ट्रार Link Intime India है।
प्रमुख रिस्क फैक्टर्स
ओला इलेक्ट्रिक ने अपने DRHP में कहा है कि इसे शुरू हुए अभी बहुत ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। कंपनी को अपने ऑपरेशंस से घाटा और निगेटिव कैश फ्लो है। निकट भविष्य में घाटा होना जारी रह सकता है। डिफेक्ट्स और क्वालिटी इश्यू कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग टाइमलाइन को प्रभावित करते हैं। कंपनी के सामने कई जोखिम भी हैं, जो ओला गीगाफैक्ट्री में इसकी इन-हाउस सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमताओं में बाधा खड़ी कर सकते हैं।
DRHP के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक का अप्रैल-जून 2023 के दौरान R&D पर खर्च 93.5 करोड़ रुपये रहा। वित्त वर्ष 2023 में यह खर्च 507.7 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2022 में 1,75.8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021 में 43.6 करोड़ रुपये था। यह खर्च इन अवधियों के दौरान कंपनी की कुल आय का क्रमश: 7.32%, 18.25%, 38.54% और 41.11% रहा। ओला इलेक्ट्रिक में R&D गतिविधियों से ऑन-रोल और ऑफ-रोल 974 कर्मचारी जुड़े हुए हैं। इनमें वैज्ञानिकों और इंजीनियरों भी शामिल हैं। 31 अक्टूबर, 2023 तक इन कर्मचारियों में 60 पीएचडी धारक थे।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि कंपनी ने यह भी कहा है कि भले ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट ओला इलेक्ट्रिक के विकास के लिए प्राथमिकता वाले निवेश हैं, लेकिन ऐसे निवेशों पर रिटर्न मिलने की कोई गारंटी नहीं है। इसलिए इसे भी एक आंतरिक जोखिमों में से एक बताया गया है।
इसके अलावा अन्य जोखिमों में से एक में FAME में कमी या इसे खत्म किया जाना। ओला इलेक्ट्रिक की ओर से कहा गया है, 'FAME सब्सिडी, ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट उद्योग के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम के तहत लाभ, तमिलनाडु सरकार की ओर से PLI स्कीम फॉर नेशनल प्रोग्राम ऑन एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल बैटरी स्टोरेज सब्सिडीज, इलेक्ट्रिक व्हीकल खरीदने वालों के लिए उपलब्ध जीएसटी रियायतें आदि जैसी सरकारी पहलों में कमी या इन्हें खत्म किया जाना या ऐसी सब्सिडी के लिए कंपनी के किसी भी इलेक्ट्रिक वाहन की अयोग्यता से, इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद लागत में वृद्धि होगी। इससे ओला इलेक्ट्रिक के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए ग्राहकों की मांग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है क्योंकि प्रोडक्ट की खुदरा कीमत बढ़ेगी।'
लंबित मुकदमे
ओला इलेक्ट्रिक प्रवर्तन निदेशालय (ED) की जांच के दायरे में आ गई है। इसके प्रमोटर को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 की धारा 50 के तहत समन जारी किया गया था। ED का समन ANI Technologies के प्रमोटर भाविश अग्रवाल और ओला के को-फाउंडर अंकित भाटी के खिलाफ Lahari Recording Company नामक एक फर्म की ओर से दर्ज की गई FIR से संबंधित है। भाटी, अपना उद्यम शुरू करने के लिए ओला का साथ छोड़ चुके हैं। FIR में कहा गया है कि वैध लाइसेंस के बिना 'ओला प्ले' डिवाइस पर गाने बजाने से कॉपीराइट का उल्लंघन होता है। हालांकि 20 अगस्त, 2022 को शिकायतकर्ता और ओला इलेक्ट्रिक के प्रमोटर और ANI Technologies के बीच हुए सेटलमेंट एग्रीमेंट के अनुसार, पार्टियों ने मामले को सुलझा लिया है।
ED उन एंटिटीज से ANI Technologies द्वारा प्राप्त कॉपीराइट लाइसेंस से संबंधित कुछ जानकारी और दस्तावेज मांग रहा था, जिनके पास फिल्मों के गाने डाउनलोड करने और डिस्प्ले करने के लिए कॉपीराइट ओनरशिप है और Lahari Recording Company के साथ किए गए समझौते का विवरण है। DRHP में कहा गया है, "हमारे प्रमोटर वर्तमान में निदेशालय द्वारा मांगी गई जानकारी को निर्धारित समयसीमा के अनुसार प्रदान करने की प्रक्रिया में हैं।"
22 दिसंबर तक ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ विभिन्न उपभोक्ता विवाद निवारण आयोगों के समक्ष लगभग 189 कानूनी कार्यवाहियां लंबित थीं। इनमें कुल दावा राशि 4 करोड़ रुपये है। ये मामले पूरे पेमेंट के बावजूद वाहनों की डिलीवरी न करने; ग्राहक की सहमति के बिना परचेज ऑर्डर और लोन एप्लीकेशन रद्द करने; खराब या एडवर्टाइज्ड स्टैंडर्ड्स को पूरा न कर सकने वाले वाहनों की डिलीवरी; वाहनों की अनुचित सर्विसिंग; गलत चार्ज लेवल्स डिस्प्ले होने और स्कूटरों के बंद पड़ जाने से जुड़े हैं।
DRHP के मुताबिक, कंपनी अपनी गीगाफैक्ट्री के निर्माण पर काम कर रही है, जो कंपनी की सेल मैन्युफैक्चरिंग फैसिलिटी है। यह प्लांट तमिलनाडु में कृष्णागिरी जिले में तैयार हो रहा है। ओला गीगाफैक्ट्री का पहला चरण 31 मार्च, 2024 तक चालू होने की उम्मीद है, उस समय इसकी उत्पादन क्षमता 1.4 GWh होगी। कंपनी अक्टूबर 2024 तक चरण 1(बी) को पूरा करने और ओला गीगाफैक्ट्री की उत्पादन क्षमता को 5 गीगावॉट तक विस्तारित करने की उम्मीद कर रही है। कंपनी तमिलनाडु में एक ईवी हब भी बना रही है, जिसमें ईवी मैन्युफैक्चरिंग के लिए ओला फ्यूचर फैक्ट्री, सेल मैन्युफैक्चरिंग के लिए आगामी ओला गीगाफैक्ट्री और को-लोकेटेड सप्लायर्स शामिल हैं।