ONGC OFS: सरकार देश की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी ONGC में 1.5% हिस्सेदारी बेचकर 3000 करोड़ रुपए जुटाने की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी आज यानी 30 मार्च को ऑफर फॉर सेल (OFS) लॉन्च कर रही है। कंपनी का इश्यू दो दिन के खुला रहेगा। ONGC का इश्यू 30 मार्च को खुलेगा और 31 मार्च को बंद होगा।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन (ONGC) ने मंगलवार को दी गई जानकारी में बताया, "कंपनी की प्रमोटर यानी सरकार ने 94,352,094 इक्विटी शेयर बेचने का फैसला किया है। यह कंपनी के टोटल पेड-अप इक्विटी शेयर कैपिटल का 0.75% है। 30 मार्च को इश्यू नॉन-रिटेल इनवेस्टर्स के लिए और 31 मार्च को रिटेल इनवेस्टर्स के लिए खुलेगा। कंपनी के OFS की अच्छी डिमांड रही तो सरकार ने अतिरिक्त 94,352,094 इक्विटी शेयर बेचने का विकल्प रखा है।"
ONGC के इश्यू का फ्लोर प्राइस 159 रुपए प्रति शेयर तय किया गया है। यह मंगलवार के बंद भाव के मुकाबले 7% सस्ता है। मंगलवार को BSE पर ONGC के शेयर 171.05 रुपए पर बंद हुए थे।
सरकार की कितनी है हिस्सेदारी?
ONGC में सरकार की 60.41% हिस्सेदारी है। देश के कुल ऑयल एंड गैस का 50% प्रोडक्शन ONGC करती है।
कुल ऑफर फॉर सेल (OFS) में कम से कम 25% हिस्सेदारी म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों के लिए रिजर्व है। वहीं रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 10% हिस्सा रिजर्व रखा गया है।
इश्यू में 2 लाख रुपए से कम निवेश करने वाले रिटेल इनवेस्टर्स कैटेगरी में आते हैं।
ONGC ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक, कंपनी के कर्मचारी 5 लाख रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। इसके तहत OFS में 0.075% शेयर कर्मचारियों के लिए रिजर्व है।
कंपनी के प्रोडक्शन पर CAG ने क्या कहा?
पिछले हफ्ते CAG (Comptroller and Auditor General of India) ने कहा था कि पिछले चार साल में 11,276 करोड़ रुपए का 38 लाख टन कच्चे तेल का नुकसान हुआ है। इसकी वजह है कि ONGC के वेस्टर्न ऑफशोर फील्ड्स में वाटर इंजेक्शन योजना से कम रहा। वॉटर इंजेक्शन के मायने हैं कि कुंओं से तेल निकालने के लिए उनमें पानी डालना पड़ता है।
CAG ने गुरुवार को संसद में पेश अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कंपनी ने कुओं से तेल निकालने के लिए पानी डाला था।
मुंबई तट से दूर ONGC के पुराने तेल के कुओं से अब प्रोडक्शन कम हो गया है। इनमें मुंबई हाई, नीलम और हीरा फील्ड्स शामिल हैं। इन कुंओं से बाकी तेल निकालने के लिए पानी डालना पड़ता है।