PhonePe मेड इन इंडिया है और भारत में ही लिस्ट होगी, सीईओ Sameer Nigam ने बताया-कब होगी प्रॉफिटेबिल

वालमार्ट और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के स्वामित्व वाले स्टार्टअप के मुख्य बिजनेस के प्रॉफिट में आने के बाद आईपीओ लाने की योजना है और 2023 तक ऐसा होने की संभावना है

अपडेटेड Jun 06, 2022 पर 11:21 AM
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समीर निगम, सीईओ, फोनपे

PhonePe CEO Sameer Nigam : पेमेंट और फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी फोनपे की स्पष्ट रूप से स्टॉक एक्सचेंजेस में लिस्टिंग की योजना है। हालांकि, जब कंपनी इसके लिए तैयार हो जाएगी, तब भारत में IPO लॉन्च कर दिया जाएगा। फोनपे के सीईओ समीर निगम ने यह बात कही है।

सीएनएन न्यूज18 के बिट्स टू बिलियंस के एक एपिसोड में निगम ने कहा कि कंपनी अपनी रजिस्टर्ड एंटिटी को सिंगापुर से भारत में लाने की प्रक्रिया से गुजर रही है।

सिंगापुर से भारत में आएगी होल्डिंग कंपनी


निगम ने कहा, हम अपनी होल्डिंग कंपनी को भारत में ला रहे हैं और यहीं पर इसकी लिस्टिंग होगी। कंपनी का बोर्ड पहले ही इसे मंजूरी दे चुका है। यह अब कुछ समय की बात है। उन्होंने कहा, “हम मेड इन इंडिया कंपनी हैं। हर ऑफिस, डाटा सेंटर और हमारे कर्मचारी यहीं पर हैं। इसलिए, इस बाजार में वेल्थ क्रिएशन नहीं करने की कोई वजह नहीं है।”

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2023 तक प्रॉफिट में आएगी फोनपे

वालमार्ट और फ्लिपकार्ट (Flipkart) के स्वामित्व वाली कंपनी की इसके मुख्य बिजनेस के प्रॉफिट में आने के बाद आईपीओ लाने की योजना है और 2023 तक ऐसा होने की संभावना है। वर्तमान में फोनपे मंथली वॉल्यूम में 47 फीसदी हिस्सेदारी के साथ यूनाइटेड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में लीडर है।

रेवेन्यू में विविधता लाएगी कंपनी

निगम ने कहा, “हम ऐसी स्थिति में पहुंचना चाहते हैं, जहां हमारी नई पहल बाजार में अच्छी स्थिति में पहुंच जाएं, जिससे रेवेन्यू पूल में पर्याप्त विविधता आए। मैं व्यापक स्तर पर प्रयोग करने के लिए पैसा नहीं जुटाना चाहता।”

हालांकि उन्होंने कहा कि स्टार्टअप्स के लिए दलाल स्ट्रीट में उतरने की कई चुनौतियां हैं, विशेष रूप से तब जब इम्प्लॉयी शेयर ओनरशिप की बात हो।

भारतीय स्टार्टअप्स ने कोई सफलता नहीं मिलने के साथ इम्प्लॉई स्टॉक ओनरशिप प्लान (ESOPs) के लिए कर कानूनों में बदलाव के लिए एक लंबी लड़ाई लड़ी है।

ईसॉप पर नियम बदलने की जरूरत

ESOPs एक ऐसा टूल है जो टैलेंट को लुभाने और रोके रखने के लिए व्यापक रूप से इस्तेमाल किया जाता है। इस पर अब दो बार टैक्स लगता है, एक बार दिए जाते समय और दूसरा बिक्री के समय। स्टार्टअप्स सरकार से कई बार टैक्स स्ट्रक्चर में बदलाव की मांग कर चुके हैं, जिसमें सिर्फ इसकी बिक्री पर टैक्स लगे और इसे दिए जाते समय नहीं।

निगम ने कहा, “ESOP कानून कर्मचारी विरोधी हैं और हमें इस समस्या को दूर किए जाने की जरूरत है। हम इस पर सरकार को अपना फीडबैक भेजेंगे और उसे बताएंगे कि वे उद्यमियों के लिए खासे सख्त हो रहे हैं।”

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Tags: #IPO

First Published: Jun 06, 2022 11:08 AM

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