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Porsche IPO: इलेक्ट्रिक कारों के लिए आईपीओ लाएगी पोर्शे? कंपनी ने किया खुलासा

Porsche IPO: उच्च स्तर की स्पोर्ट्स कार, एसयूवी और सेडान बनाने वाली दिग्गज जर्मन कंपनी पोर्शे (Porshe) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है

अपडेटेड Sep 05, 2022 पर 4:47 PM
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आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल पोर्शे की इलेक्ट्रिफिकेशन की योजनाओं की फंडिंग में किया जाएगा।

Porsche IPO: उच्च स्तर की स्पोर्ट्स कार, एसयूवी और सेडान बनाने वाली दिग्गज जर्मन कंपनी पोर्शे (Porshe) आईपीओ लाने की तैयारी कर रही है। आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी के इलेक्ट्रिफिकेशन की योजनाओं की फंडिंग में किया जाएगा। यह जानकारी सोमवार को फॉक्सवैगन के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) को दी है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि अभी तक इसे लेकर कोई अंतिम फैसला नहीं किया गया है। पोर्शे फॉक्सवैगन ग्रुप की दिग्गज कंपनी है।

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पिछले कुछ महीनों से चल रही है तैयारी


फॉक्सवैगन के मुख्य संचालन अधिकारी (COO) Arno Antlitz को ओलिवर ब्लूम के सीईओ बनने के बाद 1 सितंबर को सीएफओ की भी जिम्मेदारी मिली। उन्होंने कंपनी के इंटरनल इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी थी कि पिछले कुछ महीनों से आईपीओ की तैयारी भी उनके काम का एक हिस्सा है। एंटलिट्ज ने कहा था कि कंपनी के लिए आईपीओ अहम हिस्साा है क्योंकि इसके पैसों को ट्रांसफॉर्मेशन यानी इलेक्ट्रिफिकेशन में किया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर कंपनी ने अभी तक कोई आखिरी फैसला नहीं लिया है।

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कठिन हालात में आ रहा आईपीओ

पोर्शे का आईपीओ सितंबर के आखिरी दिनों में या अक्टूबर के शुरुआती दिनों में आ सकता है। इस पर अभी फॉक्सवैगन की मैनेजमेंट और सुपरवाइजरी बोर्ड जल्द फैसला लेगी। यह आईपीओ जर्मनी के सबसे बड़े आईपीओ में शुमार है। यूरोप की सबसे बड़ी वाहन कंपनी का यह आईपीओ ऐसे समय में आने वाला है जब रूस व यूक्रेन की लड़ाई और ऊर्जा की रिकॉर्ड कीमतों के चलते बड़ी कंपनियों का वैल्यूएशन दबाव में है। कुछ निवेशकों ने भी इसे लेकर सवाल उठाए हैं कि क्या आईपीओ लाने के लिए यह समय सही है।

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रूस और यूक्रेन की लड़ाई के चलते बुरी स्थिति

यूरोप में इस समय महंगाई की समस्या बहुत गंभीर बनी हुई है। रूस और यूक्रेन की लड़ाई के चलते स्थिति बिगड़ी है। रूस ने गैस सप्लाई में कटौती की है और इंफ्लेशन का दबाव भी है जिसके चलते सोमवार को यूरोप के 19 देशों की कॉमन करेंसी यूरो 0.7 फीसदी गिरकर 98.80 यूएस सेंट्स के भाव पर फिसल गया जो वर्ष 2002 के बाद से सबसे कम है। वहीं यूरो स्टॉक्स 50 फ्यूचर्स भी 3.3 फीसदी लुढ़क गया।

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