Signature Global IPO: रीयल एस्टेट डेवलपर सिग्नेचर ग्लोबल (Signature Global) का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया है। आईपीओ खुलने से पहले 19 एंकर निवेशकों से यह 318.5 करोड़ रुपये जुटा चुकी है। एंकर बुक के तहत तीन घरेलू म्यूचुअल फंडों ने भी पांच स्कीमों के लिए इसके शेयर खरीदे हैं। अब ग्रे मार्केट में एक्टिविटी की बात करें तो इसके शेयर 34 रुपये यानी 8.83% की GMP (ग्रे मार्केट प्रीमियम) पर हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स के मुताबिक ग्रे मार्केट से मिले संकेतों की बजाय कंपनी के फाइनेंशियल्स और फंडामेंटल्स के आधार पर निवेश से जुड़ा फैसला लेना चाहिए। आईपीओ की सफलता के बाद इसके शेयरों की बीएसई और एनएसई पर एंट्री होगी।
Signature Global IPO की डिटेल्स
सिग्नेचर ग्लोबल का 730 करोड़ रुपये का आईपीओ 20-22 सितंबर तक खुला रहेगा। इश्यू के लिए ₹366-₹385 का प्राइस बैंड और 38 शेयरों का लॉट फिक्स किया गया है। इश्यू का 75 फीसदी क्वालिफाईड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए, 15 फीसदी नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) और 10 फीसदी खुदरा निवेशकों के लिए आरक्षित है। आईपीओ की सफलता के बाद शेयरों का अलॉटमेंट 27 सितंबर को फाइनल होगा। इसके बाद शेयरों की बीएसई और एनएसई पर 4 अक्टूबर को एंट्री होगी। इश्यू का रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम है।
इश्यू के तहत 603 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी होंगे और ऑफर फॉर सेल के तहत इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन 127 करोड़ रुपये के शेयरों की बिक्री करेगी। नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से 432 करोड़ रुपये का इस्तेमाल कर्ज चुकाने में होगा। बाकी के पैसों का इस्तेमाल जमीन की खरीदारी के जरिए इनऑर्गेनिक ग्रोथ और आम कॉरपोरेट उद्देश्यों में होगा। जून 2023 के आंकड़ों के मुताबिक इस पर 495.26 करोड़ रुपये और चार सब्सिडियरीज पर 123.86 करोड़ रुपये का कर्ज है।
Signature Global के बारे में
यह एक रीयल एस्टेट डेवलपमेंट कंपनी है। इसका कारोबार दिल्ली एनसीआर में फैला हुआ है और इसका फोकस मुख्य रूप से कम कीमत वाले और मिड-सेगमेंट के घरों पर है। इसका फोकस केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर है। मार्च 2023 के आंकड़ों के हिसाब से कंपनी 27965 आवासीय और कॉमर्शिय यूनिट्स बेच चुकी है। सेल्स ग्रोथ की बात करें तो वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2023 के बीच यह 42.46 फीसदी की CAGR (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट) से बढ़कर 1690.27 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
कंपनी के वित्तीय सेहत की बात करें तो इसकी सेहत पिछले वित्त वर्ष बेहतर हुई है। वित्त वर्ष 2020 में इसे 56.57 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। अगले ही वित्त वर्ष घाटा बढ़कर यह 86.28 करोड़ रुपये और फिर वित्त वर्ष 2022 में यह घाटा बढ़कर 115.50 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। हालांकि पिछले वित्त वर्ष 2023 में स्थिति थोड़ी सुधरी और शुद्ध घाटा घटकर 63.72 करोड़ रुपये पर आ गया।