Signature Global ने मध्यम और छोटे घरों के बाजार में उपलब्ध मौकों का फायदा उठाया है। फाइनेंशियल ईयर 2023 में इसने 60 लाख वर्ग फीट से ज्यादा एरिया की डिलीवरी की है। इससे कंपनी को 1,554 करोड़ रुपये का रेवेन्यू मिला है। यह NCR रीजन का सबसे बड़ा प्लेयर है, जिसके 29 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है। कंपनी ने अपना IPO पेश किया है। इसके तहत वह 602 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करेगी। इस पैसे का इस्तेमाल वह कर्ज चुकाने और जमीन खरीदने के लिए करेगी। कंपनी की शुरुआत 2014 में हुई थी। इसने कर्ज और इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज की मदद से कई प्रोजेक्ट्स तैयार करने का प्लान बनाया है। इसके पास करीब 600 करोड़ रुपये का लैंड बैंक है।
कंपनी पर कर्ज का बोझ घटेगा
बड़े इनवेंट्री की बदौलत कंपनी की रेवेन्यू ग्रोथ अच्छी रही है। लेकिन, यह प्रॉफिट में नहीं आई है। रियल एस्टेट बिजनेस में कॉस्ट की रिकॉग्निशन एक्रुअल बेसिस पर होता है। जब कंपनी बड़े आकार के प्रोजेक्ट्स पर काम करती है तो उसके तैयार होने में लगने वाले समय की वजह से शुरुआत में अकाउंटिंग प्रॉफिट नजर नहीं आते हैं। कर्ज और प्रॉफिट पर पड़ने वाले उसके असर की चिंता आईपीओ के जरिए पैसे आने के बाद खत्म हो जाएगी। कंपनी पर कुल 1,700 करोड़ रुपये का कर्ज है। उसके पास 600 करोड़ रुपये का कैश है। इस तरह उसका शुद्ध कर्ज करीब 1,100 करोड़ रुपये है। कंपनी अपना करीब 432 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाएगी।
29 प्रोजेक्ट्स पर चल रहा काम
अभी सिग्नेचर ग्लोबल को करीब 12-12.5 फीसदी इंटरेस्ट चुकाना पड़ रहा है। कर्ज का बड़ा हिस्सा चुकाने के बाद इंटरेस्ट पर होने वाला उसका खर्च घट जाएगा। यह प्रॉफिट बनाने के लिए बहुत अहम है। कंपनी की स्ट्रेटेजी की अच्छी बात यह है कि यह न सिर्फ अपना लैंड बैंक बढ़ा रही है बल्कि इसे रेवेन्यू में बदल रही है। कंपनी के जिन 29 प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, उनके अगले 2-3 साल में डेलीवर हो जाने की उम्मीद है।
तीन साल में रेवेन्यू ग्रोथ सलाना 42%
पिछले तीन साल में कंपनी के रेवेन्यू की सालाना ग्रोथ 42 फीसदी रही है। कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ्लो पॉजिटिव रहा है। जिन प्रोजेक्ट्स पर काम चल रहा है, उन्हें देखते हुए आने वाले सालों में कंपनी को बहुत अच्छा प्रॉफिट होने की उम्मीद है। अगले दो साल में कंपनी के प्रॉफिट में बड़ा उछाल दिख सकता है। इसकी वजह यह है कि कंपनी ऐसे सेगमेंट में ऑपरेट कर रही है, जिसमें इसका ऑपरेटिंग मार्जिन 25-30 फीसदी रहने की उम्मीद है। लेकिन, कंपनी के प्रॉफिट में आने के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
लंबी अवधि में स्टॉक के अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद
चूंकि कंपनी लॉस में है, जिससे इसकी वैल्यूएशन के बारे में कहना मुश्किल होगा। लेकिन अगर एंटरप्राइज वैल्यू और रेवेन्यू बेसिस को देखा जाए तो यह इश्यू हायर प्राइस बैंड के करीब तिगुना पर आया है। लिस्टेड कंपनियों में औसतन 11 गुना पर कारोबार हो रहा है। कंपनी के प्रोजेक्ट पूरे करने की कैपेसिटी, एचडीएफसी कैपिटल एडवाइजर्स के सपोर्ट और IFC की मदद, स्ट्रॉन्ग इनवेंट्री, मार्जिन, कर्ज में कमी को देखते हुए लंबी अवधि में यह शेयर अच्छा प्रॉफिट दे सकता है।