फूड और ग्रॉसरी की डिलीवरी करने वाली कंपनी स्विगी (Swiggy) का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) अब बंद हो चुका है। आखिरी दिन तक यह IPO कुल 3.6 गुना अधिक सब्सक्राइब हुआ है। इस IPO में दांव लगाने वाले निवेशक मुनाफे में रहेंगे या घाटे में, यह तो लिस्टिंग के बाद ही पता चल पाएगा। हालांकि इस IPO को लाने वाले मर्चेंट बैंकर पहले ही इससे करीब 275 करोड़ रुपये की कमाई कर चुके हैं। Swiggy के आईपीओ डॉक्यूमेंट से यह जानकारी मिली है।
स्विगी के IPO का साइज 11,237 करोड़ रुपये था। इसके साथ ही यह किसी डिजिटल कंपनी की ओर से मर्चेंट बैंकर को दी जाने वाली दूसरी सबसे बड़ी फीस थी। इससे पहले पेटीएम ने साल 2021 में 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ लाया था और इसने मर्चेंट बैंकर्स को 324 करोड़ रुपये फीस में दी थी।
हालांकि, सबसे अहम बात यह है कि स्विगी ने अपने IPO को लाने में कुल 352.4 करोड़ रुपये खर्च किया, जो इसके IPO साइज का 3.11 प्रतिशत था। यह पेटीएम से अधिक है क्योंकि पेटीएम ने अपने आईपीओ साइज का सिर्फ 2.2 प्रतिशत (411.5 करोड़ रुपये) खर्च किया था। मर्चेंट बैंकर्स की फीस के अलावा, IPO के कुल खर्चों में लिस्टिंग फीस, SEBI की फीस, बैंकों को दिए जाने वाले कमीशन, बीएसई और एनएसई की प्रोसेसिंग फीस, लीगल एडवाइजर की फीस, प्रिंटिंग और स्टेशनरी फीस और एडवर्टाइजिंग व मार्केटिंग खर्च शामिल हैं।
Swiggy ने अपने IPO के लिए जिन मर्चेंट बैंकर की सेवाएं ली थीं, उनमें कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, जेफरीज इंडिया और एवेंडस कैपिटल शामिल थे। मर्चेंट बैंकर को दी गई फीस इसके IPO साइज का 2.43 फीसदी था।
बाकी डिजिटल कंपनियों की बात करें तो, जोमैटो ने अपने IPO के लिए मर्चेंट बैंकर को 229.14 करोड़ रुपये की फीस दी थी। वहीं पॉलिसीबाजार ने 168.45 करोड़ रुपये, नायका ने 148.35 करोड़ रुपये, ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी ने 145.04 करोड़ रुपये और डेल्हीवेरी ने 104.70 करोड़ रुपये फीस के तौर पर दिए।
बता दें कि स्विगी के शेयरों की लिस्टिंग कल यानी 13 नवंबर 2024 को होगी।