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Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल के आईपीओ को बोर्ड से मिली मंजूरी, सितंबर तक होगी लिस्टिंग, जानें डिटेल

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की एक और कंपनी की जल्द ही शेयर बाजार में आने वाली हैं। टाटा कैपिटल ने बताया कि उसके बोर्ड वने कंपनी का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस आईपीओ में कंपनी 23 करोड़ नए शेयरों को बिक्री के लिए रखेगी। इसके लिए कंपनी के मौजूदा शेयरधारक भी अपनी कुछ हिस्सेदारी को बिक्री के लिए रखेंगे

अपडेटेड Feb 25, 2025 पर 10:50 AM
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Tata Capital IPO: कंपनी के आईपीओ का साइज करीब 15,000 करोड़ हो सकता है

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की एक और कंपनी की जल्द ही शेयर बाजार में आने वाली हैं। टाटा कैपिटल ने बताया कि उसके बोर्ड वने कंपनी का इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) लाने की योजना को मंजूरी दे दी है। इस आईपीओ में कंपनी 23 करोड़ नए शेयरों को बिक्री के लिए रखेगी। इसके लिए कंपनी के मौजूदा शेयरधारक भी अपनी कुछ हिस्सेदारी को बिक्री के लिए रखेंगे। इसके अलावा बोर्ड ने कंपनी के मौजूदा शेयरधारकों को राइट्स बेसिस पर 1,504 करोड़ रुपये तक के शेयर जारी करने का फैसला किया है।

साल 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज की बंपर लिस्टिंग के बाद यह टाटा ग्रुप की किसी कंपनी का पहला IPO होगा। इससे पहले 24 दिसंबर को मनीकंट्रोल ने एक रिपोर्ट में सबसे पहले जानकारी दी थी कि टाटा कैपिटल ने 15,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का भारी-भरकम IPO लॉन्च करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि कंपनी ने इस IPO के लिए सिरिल अमरचंद मंगलदास और कोटक महिंद्रा कैपिटल को बतौर सलाहकार हायर किया है।


टाटा कैपिटल क्यों ला रही आईपीओ?

दरअसल RBI के एक नियम के चलते टाटा कैपिटल को अपना आईपीओ लाना पड़ रहा है। आरबीआई ने टाटा कैपिटल को अपनी 'अपर लेयर' वाली NBFC कंपनियों की लिस्ट में शामिल किया है। इस लिस्ट में शामिल होने वाली कंपनियों को शामिल होने की तारीख से 3 साल के अंदर खुद को अनिवार्य रूप से शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराना होता है। इस नियम के तहत, टाटा कैपिटल के पास खुद को शेयर बाजार में लिस्ट कराने के लिए सितंबर 2025 तक का समय है।

बजाज हाउसिंग फाइनेंस को इसी नियम के चलते पिछले साल 16 सितंबर को खुद को लिस्ट कराना पड़ा था। कंपनी की लिस्टिंग काफी शानदार रही थी और इसने पहले ही दिन निवेशकों को 135 फीसदी का बंपर मुनाफा कराया था। लिस्टिंग के दिन ही शेयर में अपर सर्किट लगा था।

टाटा कैपिटल एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (NBFC) कंपनी है और यह टाटा ग्रुप की प्रमुख इनवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सहायक कंपनी है। क्रिसिल रेटिंग्स की सितंबर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2024 तक, टाटा कैपिटल का एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) 158,479 करोड़ रुपये था। टाटा कैपिटल लिमिटेड के इक्विटी शेयरों में टाटा संस का सीधे तौर पर 92.83 प्रतिशत हिस्सा था, जबकि बाकी हिस्सेदारी का अधिकतर हिस्सा टाटा ग्रुप की दूसरी कंपनियों और ट्रस्टों के पास था।

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Moneycontrol Hindi News

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First Published: Feb 25, 2025 10:46 AM

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