Tata Group IPO: टीसीएस (TCS) की लिस्टिंग के करीब 19 साल बाद पिछले साल वर्ष 2023 में टाटा ग्रुप की एक कंपनी टाटा टेक (Tata Tech) के शेयरों की मार्केट में एंट्री हुई थी। टाटा टेक की धांसू लिस्टिंग के बाद अब एक और टाटा कंपनी टाटा कैपिटल (Tata Capital) के शेयरों की मार्केट में एंट्री होने वाली है। ग्रुप की फ्लैगशिप फाइनेंशियल सर्विसेज इकाई टाटा कैपिटल ने इस पर काम शुरू कर दिया है। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। जानकारी के मुताबिक यह आईपीओ करीब 15 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है। हालांकि अभी पर कोई आखिरी राय नहीं बनी है।
टाटा कैपिटल में 92.83 फीसदी हिस्सेदारी प्रत्यक्ष रूप से टाटा सन्स की है और बाकी हिस्सेदारी टाटा ग्रुप की बाकी कंपनियों और ट्रस्ट्स की है। क्रिसिल रेटिंग्स की सितंबर रिपोर्ट के मुताबिक इसका एयूएम मार्च 2024 तक ₹1,58,479 था जोकि मार्च 2023 के आखिरी में ₹1,19,950 करोड़ और मार्च 2022 के आखिरी में ₹94,349 करोड़ था।
Tata Capital IPO: इस कारण लिस्टिंग की हो रही तैयारी
टाटा कैपिटल एक नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल सर्विसेज (NBFC) फर्म है और यह ग्रुप की प्रिंसिपल इंवेस्टमेंट होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स (Tata Sons) की सब्सिडियरी है। चूंकि यह अपर लेयर एनबीएफसी है और आरबीआई के नियमों के मुताबिक इस कैटेगरी में आने के तीन वर्षों के भीतर इन्हें स्टॉक मार्केट में लिस्ट करना जरूरी है। टाटा कैपिटल के लिए तीन साल की यह डेडलाइन सितंबर 2025 तक खत्म हो रही है यानी कि इसे सितंबर 2025 तक मार्केट में लिस्ट होना है। 30 सितंबर 2022 को आरबीआई ने 16 एनबीएफसी के अपर लेयर में होने का ऐलान किया था जिसमें से एक टाटा कैपिटल फाइनेंशियल सर्विसेज भी थी। टाटा कैपिटल फाइेंशियल सर्विसेज जनवरी 2024 में टाटा कैपिटल में मिल गई।
आईपीओ पर कहां तक पहुंचा काम
सूत्रों के मुताबिक लॉ फर्म सिरील अमरचंद मंगलदास और इंवेस्टमेंट बैंक कोटक महिंद्रा कैपिटल को एडवाइजर्स के तौर पर चुन लिया गया है। इसके अलावा और भी इंवेस्टमेंट बैंकों के लिए भी बातचीत चल रही है। जानकारी के मुताबिक इस आईपीओ के तहत नए शेयर जारी होंगे और साथ ही ऑफर फॉर सेल के तहत मौजूदा शेयरहोल्डर्स भी अपनी हिस्सेदारी हल्की करेंगे।