Tata Tech IPO: 22 नवंबर को खुलेगा इश्यू, चेक करें टाटा टेक की मजबूती और रिस्क
Tata Tech IPO: करीब 19 साल बाद टाटा ग्रुप (Tata Group) की किसी कंपनी का आईपीओ खुलने वाला है। टाटा टेक (Tata Tech) का यह आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22 नवंबर को खुलेगा और 24 नवंबर को बंद होगा। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर का सेल का है। इस इश्यू के तहत ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए शेयरहोल्डर्स 6,08,50,278 इक्विटी शेयरों की बिक्री करेंगे जो कंपनी के कुल पेड-अप शेयर कैपिटल का करीब 15 फीसदी है
Tata Tech IPO: टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी टाटा टेक ग्लोबल इंजीनियरिंग सर्विसेज कंपनी है। अब इसका आईपीओ खुलने जा रहा है।
Tata Tech IPO: करीब 19 साल बाद टाटा ग्रुप (Tata Group) की किसी कंपनी का आईपीओ खुलने वाला है। टाटा टेक (Tata Tech) का यह आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 22 नवंबर को खुलेगा और 24 नवंबर को बंद होगा। यह इश्यू पूरी तरह से ऑफर का सेल का है। इस इश्यू के तहत ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिए शेयरहोल्डर्स 6,08,50,278 इक्विटी शेयरों की बिक्री करेंगे जो कंपनी के कुल पेड-अप शेयर कैपिटल का करीब 15 फीसदी है। कंपनी ने आईपीओ लाने के लिए बाजार नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) के पास 9 मार्च को आवेदन किया था और इस पर 27 जून को सेबी की मंजूरी मिल गई।
अब जल्द ही 22 नवंबर को यह सब्सक्रिप्शन के लिए खुलने भी जा रहा है। टाटा टेक की पैरेंट कंपनी टाटा मोटर्स (Tata Motors) ने इसकी जानकारी 13 नवंबर को एक्सचेंज फाइलिंग में दी। इससे पहले आखिरी बार टाटा ग्रुप की कंपनी टीसीएस 2004 में लिस्ट हुई थी।
चूंकि यह आईपीओ पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल का है तो इसका मतलब है कि आईपीओ का पैसा कंपनी को नहीं मिलेगा। ऐसे में आईपीओ लाने का मुख्य उद्देश्य मौजूदा शेयरहोल्डर्स को एग्जिट विंडो देना और स्टॉक मार्केट में लिस्ट करना है। यह टाटा मोटर्स (Tata Motors) की सब्सिडियरी है और टाटा मोटर्स पहले से ही मार्केट में लिस्ट है। आईपीओ के जरिए टाटा मोटर्स, अल्फी टीसी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 अपनी हिस्सेदारी हल्की करेगी।
टाटा मोटर्स 46,27,500 शेयर (11.41 फीसदी), अल्फी टीसी होल्डिंग्स 97,16,853 (2.40 फीसदी) और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की योजना 48,58,425 शेयरों (1.20 फीसदी) को बेचने की है। अभी टाटा टेक में टाटा मोटर्स की 74.69 फीसदी, अल्फा टीसी की 7.26 फीसदी और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 की 3.63 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा मोटर्स को इसके शेयर 7.40 रुपये के औसत भाव, अल्फा टीसी होल्डिंग्स को 25.10 रुपये और टाटा कैपिटल ग्रोथ फंड 1 को 25.10 रुपये के औसत भाव पर मिले थे।
टाटा टेक के आईपीओ के तहत बोली लगाने वाले ऐसे निवेशकों को वरीयता मिलेगी, जिनके पास इसकी पैरेंट कंपनी टाटा मोटर्स के शेयर हैं। एक्सचेंज फाइलिंग में दी गई जानकारी के मुताबिक इश्यू का 10 फीसदी हिस्सा यानी कि 60,85,027 शेयर टाटा मोटर्स के शेयरहोल्डर्स के लिए आरक्षित है। इसके अलावा पिछले महीने 3 अक्टूबर को कंपनी ने सेबी के पास अपने आईपीओ के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्ट्स में कुछ डिटेल्स जोड़ी थी जिसके तहत टाटा टेक के एंप्लॉयीज के लिए आईपीओ का 0.5 फीसदी हिस्सा रिजर्व किया गया।
टाटा टेक के आईपीओ का निवेशक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पिछले महीने अनलिस्टेड एरेना के को-फाउंडर मनन दोशी ने बताया था कि आईपीओ के चलते टाटा टेक के आईपीओ की मांग बेतहाशा बढ़ी। करीब तीन साल पहले अनलिस्टेड मार्केट में यह 90-100 रुपये में था जो उछलकर 900 रुपये पर पहुंच गया।
Tata Tech के बारे में
टाटा मोटर्स की सब्सिडियरी टाटा टेक ग्लोबल इंजीनियरिंग सर्विसेज कंपनी है। यह वैश्विक ओरिजिनल इक्विपमेंट मैन्युफैक्चरर्स (OEM) को टर्न्की सॉल्यूशंस समेत प्रोडक्ट डेवलपमेंट और डिजिटल सॉल्यूशंस ऑफर करती है। कंपनी एयरोस्पेस, ट्रांसपोर्टेशन और हैवी मशीनरी जैसे उद्योगों में क्लाइंट्स को सर्विस देती है। टाटा टेक के वित्तीय सेहत की बात करें इसकी रेवेन्यू और प्रॉफिट की ग्रोथ FY22 की तुलना में FY23 में धीमी रही। हालांकि इस पर कोई कर्ज नहीं है। FY23 में रेवेन्यू 25% बढ़कर 4,418 करोड़ रुपये और प्रॉफिट 63% बढ़कर 708 करोड़ रहा था। FY21-23 के दौरान कंपनी का रेवेन्यू सालाना 30 फीसदी, शुद्ध मुनाफा 61.5 फीसदी और EBITDA भी 46% की चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा।
टाटा टेक के पास ऑटो इंडस्ट्री की गहरी जानकारी है। यह इलेक्ट्रिक गाड़ियों का खाका तैयार करने, उन्हें बनाने और बिक्री के बाद की सर्विस यानी ईवी से जुड़ी एंड-टू-एंड सॉल्यूशन्स मुहैया कराती है। इसके क्लाइंट्स न सिर्फ भारत में ही हैं, बल्कि यूरोप, उत्तरी अमेरिका और एशिया-प्रशांत में भी इसके ग्राहक हैं।
कारोबार को लेकर रिस्क क्या है
टाटा टेक के कारोबार के सामने सबसे बड़ा रिस्क तो यही है कि इसका रेवेन्यू का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ टॉप के 5 क्लाइंट्स से आता है। इसके अलावा कंपनी का रेवेन्यू मुख्य रूप से ऑटोमोटिव इंडस्ट्री से आता है और अगर इस इंडस्ट्री को झटका लगता है तो टाटा टेक के ऑपरेशन, कैश फ्लो और रेवेन्यू पर भी असर पड़ सकता है। एक और रिस्क अहम है कि ईवी सेक्टर को लेकर अभी तक अनिश्चितता बनी हुई है तो यह अनिश्चितता जितने लंबे समय तक बनी रहेगी, उतने समय तक इसके ऑपरेशन और कैश फ्लो पर असर दिख सकता है।