महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार (11 जून) को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि हालिया लोकसभा चुनाव में '400 पार' के नारे के बाद लोगों के मन में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसी आशंका उत्पन्न हो गई। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के घटक दलों के साथ मिलकर 400 से अधिक सीट जीतने का लक्ष्य रखा था। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले NDA के '400 पार' नारे ने लोगों को विपक्ष के झूठे बयानों पर विश्वास दिला दिया, जिससे उनकी सीटों की संख्या में कमी आई।
शिंदे ने मुंबई में कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की एक बैठक में कहा, "(विपक्ष द्वारा) झूठी कहानी गढ़े जाने के कारण हमें कुछ स्थानों पर नुकसान हुआ। हमें महाराष्ट्र में भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ा।'' उन्होंने कहा, "400 पार (नारे) के कारण लोगों को लगा कि भविष्य में संविधान बदलने और आरक्षण हटाने जैसे मुद्दों पर कुछ गड़बड़ हो सकती है।" शिंदे की पार्टी शिवसेना को लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र की 49 सीटों में से 7 सीटें पर जीत दर्ज की।
शिंदे ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 साल में जिस तरह का काम किया, वह 50-60 साल में नहीं हुआ। लेकिन हमें कुछ जगहों पर हार का सामना करना पड़ा क्योंकि हमारे खिलाफ झूठी बातें फैलाई गई…यहां तक कि महाराष्ट्र में भी ऐसी बातें हो रही थीं कि संविधान बदल दिया जाएगा और आरक्षण खत्म कर दिया जाएगा…ऐसा कुछ नहीं होने वाला था। नारे में '400 पार' की संख्या ने लोगों के मन में संदेह पैदा कर दिया, उन्हें लगा कि बाद में कुछ हो सकता है।"
प्रधानमंत्री के रूप में अपना तीसरा कार्यकाल पूरा कर रहे नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करते हुए शिंदे ने कहा, "पीएम नरेंद्र मोदी ने अपना जीवन देश को समर्पित कर दिया है…किस पीएम ने 10 साल में छुट्टी नहीं ली? यह मोदीजी हैं। हमारी राज्य सरकार ने भी उनके काम में योगदान दिया है। हम उनके पुराने साथी हैं…"
NDA का निराशाजनक प्रदर्शन
महाराष्ट्र की 48 सीटों के लिए 2024 का लोकसभा चुनाव दो गठबंधनों के बीच लड़ा गया था। राज्य में सत्तारूढ़ महायुति या एनडीए जिसमें BJP, NCP (अजीत पवार) और शिवसेना (एकनाथ शिंदे) गुट शामिल हैं। वहीं महा विकास अघाड़ी (MVA)में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), एनसीपी (शरद पवार) और कांग्रेस शामिल हैं।
MVA ने 29 सीटें हासिल कीं, जबकि महायुति ने 18 और एक सीट सांगली में कांग्रेस के बागी से निर्दलीय बने विशाल पी पाटिल को मिली। दोनों ब्लॉकों में एमवीए की कांग्रेस ने 12 सीटें हासिल कीं, जो 2014 में दो और 2019 में एक थी। शिवसेना (यूबीटी) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (सपा) ने 7 सीटें हासिल कीं। महायुति की बीजेपी ने 11 सीटें, शिवसेना ने 6 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार) ने सिर्फ एक सीट हासिल की।
बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने 2019 में 41 सीटें जीती थीं। भगवा पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनावों में 25 सीटों में से 23 सीटें जीती थीं, जबकि उसके तत्कालीन गठबंधन सहयोगी - अविभाजित शिवसेना ने 23 में से 18 सीटें जीती थीं। विपक्षी गठबंधन के हिस्से के रूप में अविभाजित एनसीपी ने 19 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 4 सीटें जीतने में सफल रही थी।