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Amit Shah CAA: 'लोकसभा चुनाव से पहले देश में लागू होगा CAA' गृह मंत्री अमित शाह ने किया बड़ा ऐलान

Amit Shah CAA: CAA के तहत, मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई - को भारतीय नागरिकता देगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।

अपडेटेड Feb 10, 2024 पर 7:09 PM
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Amit Shah CAA: अमित शाह ने कहा कि CAA को चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। किसी को भी इसके बारे में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए

Amit Shah CAA: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने शनिवार को कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लागू करने के नियम आने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले जारी किए जाएंगे। साथ ही लाभार्थियों को भारतीय नागरिकता देने की प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होगी। CAA के तहत, मोदी सरकार बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों - हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई - को भारतीय नागरिकता देगी, जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए थे।

शाह ने ईटी नाउ ग्लोबल बिजनेस समिट 2024 में कहा, "CAA देश का कानून है और इसका नोटिफिकेशन बिल्कुल जारी किया जाएगा। इसे चुनाव से पहले जारी किया जाएगा। CAA को चुनाव से पहले लागू किया जाएगा। किसी को भी इसके बारे में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए।"

गृह मंत्री ने कहा कि वह ये साफ करना चाहते हैं कि CAA किसी की नागरिकता छीनने का कानून नहीं है। उन्होंने कहा, ''हमारे मुस्लिम भाइयों को सीएए के मुद्दे पर भड़काया जा रहा है।"


उन्होंने ये भी कहा कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता देना कांग्रेस नेतृत्व का भी वादा था।

शाह ने कहा, "जब विभाजन हुआ - हिंदू, बौद्ध, ईसाई - सभी वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने के बाद भारत आना चाहते थे। उन्होंने (कांग्रेस नेताओं ने) इन लोगों को नागरिकता देने का वादा किया था और कहा था कि आप सभी का स्वागत है। लेकिन (कांग्रेस) नेता अपने शब्दों से मुकर गए।"

'CAA किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता'

उन्होंने कहा, "CAA किसी की नागरिकता नहीं छीन सकता, क्योंकि कानून में ऐसा प्रावधान नहीं है। CAA उन लोगों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है, जो बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक उत्पीड़न का सामना करके आए हैं। किसी को भी इस कानून का विरोध नहीं करना चाहिए।"

दिसंबर 2019 में संसद से CAA पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए। चार साल से ज्यादा की देरी के बाद, CAA को लागू करने के लिए नियम जरूरी हैं।

अधिकारियों ने कहा कि नियम तैयार हैं और ऑनलाइन पोर्टल भी तैयार है क्योंकि पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।

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