'ऐसे तो अमृतपाल सिंह भी चुनाव लड़ने के लिए मांग रहा है जमानत', SG तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत का किया विरोध
Arvind Kejriwal Bail: अदालत में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (SG) तुषार मेहता ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने अदालत से कहा कि ऐसा आदेश एक गलत मिसाल कायम कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने इन 21 दिनों की जमानत के दौरान अरविंद केजरीवाल के सामने कई शर्तें भी रखी हैं
Arvind Kejriwal Bail: 'ऐसे तो अमृतपाल सिंह भी चुनाव लड़ने के लिए मांग रहा है जमानत', SG तुषार मेहता सुप्रीम कोर्ट केजरीवाल की जमानत का किया विरोध
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब नीति घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। केजरीवाल को लोकसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए 1 जून तक अंतरिम जमानत दी गई है और 2 जून को उन्हें कोर्ट में सरेंडर करना होगा। अदालत में सॉलिसिटर जनरल ऑफ इंडिया (SG) तुषार मेहता ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दिए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने अदालत से कहा कि ऐसा आदेश एक गलत मिसाल कायम कर सकता है।
बड़ी बात ये है कि SG ने अपनी दलील में कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह की जिक्र किया। उन्होंने अदालत को बताया कि अमृतपाल सिंह ने अब चुनाव लड़ने के लिए पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से जमानत मांगी है। उन्होंने अदालत से इस तरह का आदेश पारित नहीं करने की अपील की। SG मेहता ने अदालत को ये तक बताया, "ऐसे मामले में अदालत के पास रेफरेंस के लिए कोई मिसाल तक मौजूद नहीं है।"
इस पर जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने SG से ऐसे मामलों को आपस में न जोड़ने की बात कही। कोर्ट ने SG से आगे कहा कि ऐसे मामले में कोई तय फॉर्मूला नहीं है। इसलिए शीर्ष अदालत ने चुनाव प्रचार के लिए अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत देने का फैसला किया है।
अमृतपाल सिंह ने क्यों मांगी जमानत?
आगे बढ़ने से पहले आपको बताते चलें कि कट्टरपंथी सिख उपदेशक अमृतपाल सिंह पंजाब की खडूर साहिब लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा। अमृतपाल को पिछले साल अप्रैल में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया गया था। अमृतपाल अपने नौ साथियों के साथ फिलहाल असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है।
अमृतपाल सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर चुनाव का पर्चा दाखिल करने के लिए सात दिनों की जमानत की मांग की थी। अमृतपाल ने पंजाब सरकार, चुनाव आयोग, डिब्रूगढ़ जेल के सुपरिटेंडेंट और पंजाब राज्य चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की, ताकि वे चुनाव एजेंट की नियुक्ति के जरिए उसके नॉमिनेशन फाइल करने की व्यवस्था करें।
पंजाब सरकार ने कर दी नामांकन की तैयारी
हालांकि, पंजाब सरकार ने अदालत को ये बताया कि अमृतपाल के नामांकन भरने की सभी व्यवस्थाएं तो पहले ही कर दी गई हैं। इसने कहा कि नामांकन फॉर्म और दूसरे कागजी कार्रवाई के दो सेट 9 मई को अमृतपाल सिंह की ओर से भरे गए और साइन किए गए। इतना ही नहीं उसे डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल, DGP पंजाब में अपने प्रस्तावक और वकील से मिलने की भी अनुमति दी गई है। सरकार की दलील और पक्ष सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सिंह जमानत याचिका खारिज कर दी।
अब आते हैं केजरीवाल के मामले पर, तो 9 मई को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने एक हलफनामा दायर कर जोरदार दलील दी कि केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए।
21 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं: SC
हलफनामे में कहा गया है, "किसी भी राजनेता को सिर्फ प्रचार के लिए अंतरिम जमानत नहीं दी गई है, खासकर जब वे चुनाव नहीं लड़ रहे हों। अगर कोई खुद भी चुनाव लड़ रहा है, तब भी उसे अपने प्रचार के लिए जमानत नहीं दी गई।"
सुनवाई के दौरान जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, "अगस्त 2022 में ED ने केस दर्ज किया था। उन्हें मार्च 2024 में गिरफ्तार किया गया। डेढ़ साल तक वो कहां थे? गिरफ्तारी बाद में या पहले भी हो सकती थी। अब 21 दिन इधर या उधर से कोई फर्क नहीं पड़ना चाहिए।"
सुप्रीम कोर्ट ने इन 21 दिनों की जमानत के दौरान अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के सामने कई शर्तें भी रखी हैं। जमानत की शर्तों के मुताबिक, केजरीवाल इस दौरान मुख्यमंत्री कार्यालय या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकेंगे। वो तब तक किसी भी सरकारी फाइल पर साइन नहीं करेंगे, जब तक की उपराज्यपाल की मंजूरी लेने के लिए ऐसा करना जरूरी न हो।
केजरीवाल को इन शर्तों के साथ मिली जमानत
केजरीवाल को जेल में 50,000 रुपए के जमानती बॉण्ड और इतनी ही रकम का मुचलका जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा, "वो मौजूदा मामले में अपनी भूमिका को लेकर कोई बयानबाजी नहीं करेंगे और किसी भी गवाह के साथ बातचीत भी नहीं करेंगे और न ही मामले से जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल तक उनकी पहुंच होगी।"
शीर्ष अदालत ने केजरीवाल को राहत देते हुए कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उन्हें अभी तक दोषी नहीं ठहराया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। न ही वो आदातन अपराधी हैं। समाज के लिए भी वे कोई खतरा नहीं हैं।