ऑफिस नहीं जा सकते, न किसी फाइल पर करेंगे साइन, अरविंद केजरीवाल को इन शर्तों के साथ मिली अंतरिम जमानत

Arvind Kejriwal Bail: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक सिंघवी के इस अनुरोध को स्वीकार नहीं किया कि उन्हें पांच जून तक अंतरिम जमानत दी जाए। एक जून को लोकसभा चुनाव के लिए सातवें और अंतिम चरण के तहत मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी

अपडेटेड May 10, 2024 पर 4:44 PM
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Arvind Kejriwal Bail: अरविंद केजरीवाल को इन शर्तों के साथ मिली अंतरिम जमानत

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उन्हें लोकसभा चुनाव में प्रचार के लिए एक जून तक अंतरिम जमानत दे दी। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा कि कथित आबकारी नीति घोटाले से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार केजरीवाल को दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा और जेल वापस जाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने 50,000 रुपए के मुचलके पर केजरीवाल को जमानत दी है। साथ उनके के सामने कई शर्तें भी रखी गई हैं, जैसे कि वो बेल पर बाहर रहने के दौरान CMO या सचिवालय नहीं जा सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक आदेश की मुताबिक, अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को तिहाड़ जेल से रिहाई के लिए 50,000 रुपए की जमानत राशि जमा करनी होगी और इतनी ही राशि का मुचलका यानि बॉन्ड भी भरना होगा।

केजरीवाल नहीं जा सकते ऑफिस या सचिवालय


इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को निर्देश दिया कि वो आबकारी नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी भूमिका के बारे में सार्वजनिक तौर पर कोई बयान भी नहीं दे सकते हैं।

शीर्ष अदालत जमानत देते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय नहीं जाएंगे। साथ ही वो किसी सरकारी दस्तावेज या फाइल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।

अदालत के आदेश में आगे कहा गया कि जमानत के दौरान AAP प्रमुख इस पूरे मामले से जुड़े किसी भी गवाह से किसी भी तरह से कोई मुलाकात नहीं कर सकती है। SC ने कहा कि जमानत का मतलब ये कतई नहीं है कि आप केस से जुड़े किसी भी मेरिट पर अपनी राय या बयान दें।

इस मामले पर कोई बयान नहीं दे सकते केजरीवाल

कोर्ट के आदेश के अनुसार, वो "आधिकारिक फाइलों पर तब तक हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि बहुत जरूरी न हो और दिल्ली के उपराज्यपाल की मंजूरी हासिल करने के लिए जरूरी न हो।"

इसके अलावा, दिल्ली के मुख्यमंत्री "वर्तमान मामले में अपनी भूमिका के संबंध में" कोई टिप्पणी नहीं करेंगे और "किसी भी गवाह के साथ बातचीत नहीं करेंगे और/या इससे जुड़ी किसी भी आधिकारिक फाइल को भी एक्सेस नहीं करेंगे।"

प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एस वी राजू ने चुनाव प्रचार के आधार पर आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक को अंतरिम जमानत दिए जाने का विरोध करते हुए कहा कि ऐसा कोई पूर्व उदाहरण नहीं है।

न्यायालय ने कहा कि केजरीवाल को 21 दिन के लिए अंतरिम जमानत देने से कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा। पीठ ने कहा कि ईडी की ‘प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट’ (ईसीआईआर) अगस्त 2022 में दर्ज की गई थी जबकि मुख्यमंत्री को इस साल 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया।

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