राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद की छोटी बेटी रोहिणी आचार्य पहली बार चुनावी राजनीति में अपनी किस्मत आजमा रही हैं। एक मेडिकल ग्रेजुएट रोहणी बिहार के सारण से पार्टी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और बिहार इलेक्शन वॉच (BEW) ने रोहिणी के चुनावी हलफनामे का विश्लेषण किया और जिससे ये सामने आया है कि उनके पास 36 करोड़ रुपए की संपत्ति है। इसी के साथ पांचवें चरण के मतदान में बिहार की पांच सीटों पर चुनाव लड़ रहे 80 उम्मीदवारों में से वो सबसे अमीर हैं। 20 मई को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान होगा।
ADR और BEW की ओर से रविवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर से कांग्रेस उम्मीदवार अजय निषाद 29 करोड़ रुपए की संपत्ति के साथ दूसरे नंबर पर हैं। उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के डॉ. राज भूषण चौधरी 16 करोड़ की कुल संपत्ति के साथ तीसरे स्थान पर हैं।
मुजफ्फरपुर से दो बार सांसद रहे निषाद ने 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव बीजेपी के चुनाव चिन्ह पर जीता था। उनके पिता जय नारायण प्रसाद निषाद पांच बार सांसद और केंद्रीय मंत्री थे।
रोहिणी के पास कितनी चल-अचल संपत्ति?
रोहिणी के पास ₹25.76 करोड़ की अचल संपत्ति और ₹10.85 करोड़ की चल संपत्ति है। उन पर ₹1 करोड़ की देनदारी भी है, जबकि डॉ. चौधरी पर ₹5 करोड़ की देनदारी है।
अपने पति समेत ₹6.77 करोड़ की कुल आय के साथ, रोहिणी आयकर रिटर्न (ITR) में घोषित सबसे ज्यादा कमाई वाले उम्मीदवारों की लिस्ट में भी टॉप पर हैं। रोहिणी ने फिस्कल ईयर 2022-23 के लिए अपने ITR में अपनी आय का सोर्स किराए से और अपने पति या पत्नी की पेशेवर आय से दिखाया है।
रोहिणी आचार्य (Rohini Acharya) की शादी एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर समरेश सिंह से हुई है। चुनावी मैदान में उतरने का फैसला करने से पहले यह जोड़ा सिंगापुर में रहता था।
बिहार की पांच लोकसभा सीटों पर 20 मई को मतदान होने जा रहा है, वो है-सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर।
RJD की प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति सबसे ज्यादा
₹11 करोड़ के साथ RJD के चार उम्मीदवारों की प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति सबसे ज्यादा है। उसके बाद तीन भाजपा उम्मीदवारों की ₹10 करोड़ और सिर्फ एक JDU उम्मीदवार की ₹8 करोड़ संपत्ति है।
सभी 45 पार्टी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति ₹3 करोड़ और 35 निर्दलीय उम्मीदवारों की औसत संपत्ति ₹65 लाख है।
कुल 80 उम्मीदवारों में से 13 पर गंभीर आपराधिक मामले हैं, जिनमें अधिकतम सजा पांच साल या उससे ज्यादा जेल की है, जबकि 15 और पर आपराधिक मामले हैं।